लाइफ लाइन एक्सप्रेस में 27 सितंबर से होगा निःशुल्क इलाज
- दुनिया की ऐसी पहली ट्रेन है, जिसमें अस्पताल है और कई असाध्य रोगों की सर्जरी भी ट्रेन में की जाती है।
बाड़मेर, 23 सितंबर। बाड़मेर जिला मुख्यालय पर पहली मर्तबा लाइफ लाइन एक्सप्रेस मंे 26 सितंबर से 16 अक्टूबर तक आमजन का निःशुल्क इलाज होगा। इंडिया फाउंडेशन की ओर से संचालित लाइफ लाइन एक्सप्रेस मंे मोतियाबिंद,पोलियो, मुख कैंसर, मिर्गी, स्त्री रोग जांच के साथ परिवार नियोजन सेवाएं उपलब्ध होगी।
लाइफ लाइन एक्सप्रेस इम्पैक्ट के उप परियोजना निदेशक डा.याज्ञनिक वाजा ने बताया कि यह दुनिया की ऐसी पहली ट्रेन है, जिसमें अस्पताल है और कई असाध्य रोगों की सर्जरी भी ट्रेन में की जाती है। इस ट्रेन को 1991 में शुरु किया था और तब से देश के कोने-कोने में पहुंचकर लोगों का इलाज जारी है। इस ट्रेन में ऑपरेशन से लेकर हर प्रकार के इलाज की सुविधाएं हैं। इसलिए इसे हॉस्पीटल ऑन व्हील कहा जाता है। इसमें
-दो सर्जीकल ऑपरेशन थियेटर, जिसमें पोलियो से लेकर कटे होठों और मोतियाबिंद जैसे ऑपरेशन किए जाते हैं। ऑपरेशन थियेटर में पांच टेबल हैं, जो आधुनिक मेडिकल उपकरणों से जुड़ी हैं। ट्रेन में दो रिकवरी रूम हैं, जिसमें ऑपरेशन के बाद मरीजों को रखा जाता है। ऑपरेशन थियेटर में इलाज के लिए अल्ट्रा मार्डन माइक्रोस्कोप से लेकर लेबोरेटरी, एक्सरे यूनिट भी है। ट्रेन में डेंटल रूम, ऑप्थेलोलॉजी ट्रीटमेंट से लेकर मेडिकल स्टाफ के लिए रूम बने हुए हैं। उन्हांेने बताया कि लाइफ लाइन एक्सप्रेस का खुद का पावर हाउस है, जो पूरी ट्रेन को बिजली सप्लाई करता है। इसके अलावा सीसीटीवी कैमरे पूरी ट्रेन में हैं, जिससे पूरी मॉनीटरिंग कंट्रोलरूम में बैठकर की जा सकती है। उन्हांेने बताया कि इस टेªन में अब तक दस लाख मरीजांे के स्वास्थ्य परीक्षण के दौरान एक लाख लोगांे के आपरेशन किए जा चुके है। इस दौरान मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डा.कमलेश चौधरी ने बताया कि लाइफ लाइन एक्सप्रेस के जरिए अधिकाधिक लोगांे को लाभांवित करने के लिए माकूल इंतजाम किए गए है। ग्रामीण क्षेत्रांे से अतिरिक्त चिकित्सकीय कार्मिक लगाए गए है। प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डा.बी.एल.मंसूरिया ने बताया कि राजकीय चिकित्सालय मंे अतिरिक्त वार्ड आरक्षित करने के साथ मरीजांे के लिए समुचित सुविधाएं मुहैया कराई जा रही है। मरीजांे का उपचार रोजाना प्रातः 9 से सांय 5 बजे तक होगा। मरीज को अपने साथ आधार कार्ड या अन्य पहचान कार्ड लाना होगा। भर्ती किए गए मरीजांे के साथ एक व्यक्ति के सहयोगी के रूप मंे रहने की अनुमति होगी।
क्या रहेगा कार्यक्रमः निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार 27 से 30 सितंबर तक आंखांे का परीक्षण कर 28 से 03 अक्टूबर तक मोतियाबिंद के आपरेशन किए जाएंगे। इसी तरह 4 एवं 5 अक्टूबर को पोलियो परीक्षण तथा 5 से 7 अक्टूबर को आपरेशन होंगे। कटे-फटे होंठ एवं जलने के बाद संकूचन का परीक्षण 4 एवं 5 अक्टूबर को करने के साथ 5 एवं 6 अक्टूबर को आपरेशन किए जाएंगे। कान के रोगियांे का परीक्षण 8 से 11 अक्टूबर को होगा। इसके बाद 9 से 14 अक्टूबर तक आपरेशन होंगे। इसी तरह 28 सितंबर से 10 अक्टूबर तक स्त्री रोग जांच ब्रेस्ट एवं सरवाइकल कैंसर, मुख कैंसर जांच होगी। इसके बाद 7 एवं 8 अक्टूबर को आपरेशन होंगे। मिर्गी रोगियांे का परीक्षण एवं उपचार 14 एवं 15 अक्टूबर तथा दातांे का उपचार एवं परीक्षण 6 से 12 अक्टूबर तक होगा। परिवार नियोजन कार्यक्रम 7 से 13 अक्टूबर तक चलेगा। 
चलता-फिरता अस्पतालः ट्रेन की बोगियों में ही अस्पताल जैसी सुविधाएं लाइफ लाइन ट्रेन की बोगियों को चलते-फिरते अस्पताल का स्वरूप दे दिया गया है। ट्रेन की बोगियां अस्पताल जैसी सुविधाओं से लैस है। वातानुकूलित आपरेशन थिएटर के साथ ही कांफ्रेंस हाल ही मौजूद है। कांफ्रेंस हाल में बैठ कर चिकित्सक मरीजों के आपरेशन को एलईडी पर देख सकते है। कांफ्रेंस हाल में 36 इंच की टीवी स्क्रीन लगाई गई है। उसे सीसी कैमरे के माध्यम से आपरेशन थिएटर और अन्य स्थानों से जोड़ा गया है। इसके अलावा ट्रेन की बोगी में डिजिटल एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड, पैथालांजी, दंत चिकित्सा के लिए आधुनिक उपकरण, मेडिकल स्टोर, मरीजों को आपरेशन के बाद तीन घंटे रखने के लिए व्यवस्था की गई है। इसके अलावा मरीजों के परीक्षण के लिए विशेषज्ञ चिकित्सकों का अलग-अलग वातानुकूलित चेम्बर बनाया गया है। चिकित्सकों का चेम्बर भी वातानुकूलित है। ट्रेन में छोटा सा कैंटीन भी है। उसी में चिकित्सकों का नाश्ता और भोजन तैयार किया जाता है। इन उपकरणों को संचालित करने के लिए ट्रेन में एक जेनरेटर सेट भी लगाया गया है ताकि बिजली कटौती आदि की समस्या से न जूझना पड़े। इस ट्रेन में 40 से 50 की संख्या में चिकित्सक और चिकित्सा कर्मी इलाज के दौरान मौजूद रहेगें।

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