निवारण के लिए ठोस व कारगर
कार्यनीति की सख्त जरूरत 


ASO NEWS BARMER
  सम्पूर्ण विश्व में पर्यावरण प्रदूषण की नासूर समस्या से बुरी तरह जुंझ रहा है । वैश्विक स्तर पर प्रदूषण को लेकर हो रहे विभिन्न शोध, अनुसंधान आदि की रिपोर्ट अन्तोतगत्वा यही प्रदर्शित कर रही है कि पृथ्वी प्रदूषण की चपेट में आ चुकी है । जिससे निपटने के लिए वृहद स्तर पर कड़े उपायों की सख्त जरूरत है । आज विश्व के प्रत्येक देश में प्रदूषण की समस्या प्रमुखता से उभर रही है । मगर उसके निवारण को लेकर कार्य योजना व प्रयास ना के बराबर होते नजर आ रहे है । जिसके चलते जल, थल व वायु के जीवों के जीवन पर बहुत बुरा असर पड़ा रहा है । यहां तक कि कई जीवों के जीवन पर अस्तित्व का संकट आ खड़ा हो गया है । 

  पृथ्वी पर बढ़ती औद्योगिकता की अंधी दौड़, ई-कचरा, पेट्रोल-डीजल, गैसों का बेपरवाह उपयोग एवं धरती पर घटती वन-सम्पदा ने पर्यावरण में प्रदूषण की बड़ी विकराल समस्या खड़ी कर दी है । वहीं पृथ्वी पर प्रदूषण तमाम प्रकारों को कम व नियंत्रित करने को लेकर प्रतिवर्ष वैश्विक पटल पर कई सम्मेलन, कानून, नीति-नियम आदि बनाएं जाते है मगर उनको धरातल पर मूल स्वरूप में नही उतार पाते है । जिससे प्रदूषण जैसी जानलेवा समस्या आज भी जस की तस बनी हुई है । वहीं इस प्रदूषण के चलते विश्वभर में प्रति वर्ष हजारों ंलोगों के साथ-साथ बड़ी तादाद छोटे-बड़े जीवों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ता है । 

  पृथ्वी पर बढ़ रहे पर्यावरण प्रदूषण के प्रति हम सब हमंे सरकारी एवं सामुदायिक स्तर पर नए सिरे से चिन्तन व मन्थन कर उन कारकों पर रोकथाम लगाने के भरपूर प्रयास करने की जरूरत है जिनसे पृथ्वी का पर्यावरण सन्तुलन खतरे में है । वहीं हमें उन कार्याें व गतिविधियों को भी प्रोत्साहित करने की सख्त जरूरत है जो पर्यावरण के सुधार, संरक्षण व संवर्द्धन में मददगार है । जैसे हमें पृथ्वी पर लक्ष्य तय कर अधिक से अधिक पौधारोपण करने की जरूरत है । ऐसे सकारात्मक कार्याें को प्रोत्साहन देना समय की सबसे बड़ी मांग है । 

मुकेश बोहरा अमन
साहित्यकार व सामाजिक कार्यकर्ता
बाड़मेर राजस्थान

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