नई दिल्ली/09.03.2018
आचार्य समाचार Online/Mahaveer

चलने व बैठने में अटपटी और मोटर व्हीकल एक्ट के नियमों का उल्लंघन करने वाली मोटर बाइक्स अब देश की सड़कों से गायब हो जाएंगी। इसको लेकर अब एक नया कानून प्रभाव में आने वाला है। सबसे अहम बात यह है कि मोटर व्हीकल एक्ट से जुड़ा यह कानून जबलपुर शहर से शुरू हुई एक पहल पर बनेगा।


इसी पहल के तहत भूतल परिवहन मंत्री नितिन गडकरी सोमवार को राज्य सभा में एक बिल पेश करेंगे। यदि यह बिल पास हो गया तो मोटर व्हीकल एक्ट में एक नया प्रॉवधान प्रभावशील हो जाएगा।
इसके तहत मोटर व्हीकल एक्ट का उल्लंघन करने वाले वाहन निर्माताओं पर 100 करोड़ रुपए तक का जुर्माने और सजा का भी प्रॉवधान है। उल्लेखनी है कि जबलपुर के आनंद नगर निवासी सामाजिक कार्यकर्ता ज्ञान प्रकाश ने सन् 2008 में एमपी हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की थी। इसमें उन्होंने आरोप लगाया कि कई मोटर साइकिलों में पीछे बैठने वाले व्यक्ति की सुरक्षा समेत कुछ अन्य जरूरी व्यवस्थाएं नहीं है।

यह मोटर व्हीकल एक्ट की धारा 123 का खुला उल्लंघन है। एमपी हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता के तर्कों को सही पाया और 25 नवंबर 2008 को मोटर साइकिलों की ब्रिकी पर रोक लगा दी थी। प्रदेश भर में 5 दिसंबर 2008 तक मोटर बाइक्स की ब्रिकी प्रतिबंधित रही। एमपी हाईकोर्ट द्वारा मोटर साइकिलों के विक्रय पर प्रतिबंध लगाए जाने से पूरे देश में हड़कम्प मच गया था। इसके बाद मोटर साइकिल निर्माताओं ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटकाया। मोटर साइकिल निर्माताओं की याचिका पर 5 दिसंबर 2008 को सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट को निर्णय पर स्टे दे दिया। इससे मोटर साइकिल निर्माताओं को राहत मिली और प्रदेश में मोटर साइकिलों का विक्रय फिर से प्रारंभ हो सका था। सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में 23 फरवरी को मोटर साइकिल निर्माताओं की याचिका को खारिज कर दिया है। मोटर साइकिल निर्माताओं की याचिका निरस्त होते ही हर पूरे देश में हलचल मच गई है। यह आशंका बलवती हो गई कि मोटर व्हीकल एक्ट के मानक पूरे नहीं करने वाली मोटर साइकिलों पर मध्य प्रदेश में ही नहीं बल्कि पूरे देश में प्रतिबंध लग सकता है।

याचिका कर्ता ज्ञान प्रकाश के अनुसार याचिका लगाने के पूर्व उन्होंने सन् 2007-08 में तत्कालीन केन्द्रीय परिवहन मंत्री और परिवहन मंत्रालय को पत्र लिखा था, जिसमें मोटर व्हीकल एक्ट के उल्लंघन से अवगत कराया गया था। उचित सुनवाई नहीं होने पर उन्होंने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटकाया। ज्ञान प्रकाश के अनुसार जानकारों के अनुसार मोटर व्हीकल एक्ट की धारा 123 के तहत मोटरसाइकिल पर पीछे बैठने वाले के लिए पकडऩे को हैंडल, समुचित बैलेंस बनाने योग्य फुट रेस्ट और पहियों में कपड़े आदि फंसने से बचाने के लिए पहियों को आधा ढकने की व्यवस्था आदि होना जरुरी है। फिलहाल जितनी भी मोटर साइकिलें बाजार में आ रही हैं किसी में इनका पालन नहीं नजर आ रहा। रेसिंग और स्टायलिश बाइक्स तो और घातक हैं। महिलाओं के लिए इनमें पीछे बैठ पाना मुश्किल होता है। इस तरह की बाइक्स में हादसों का भी खतरा अधिक रहता है। इसी को दृष्टिगत रखते हुए एमपी हाईकोर्ट ने 25 नवंबर 2008 को मोटर साइकिलों की ब्रिकी पर रोक लगा दी थी।

सामाजिक कार्यकर्ता ज्ञान प्रकाश के अनुसार मोटर व्हीकल एक्ट की धारा 123 से संबंधित बिल लोकसभा में पास हो चुका है।
मोटर साइकिल निर्माताओं की याचिका खारिज होने के बाद अब इसमें कार्रवाई और आगे बढ़ेगी। केन्द्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी सोमवार को इस बिल को राज्य सभा के समक्ष पेश कर सकते हैं। यहां से बिल पास होने के बाद राष्ट्रपति के समक्ष जाएगा। ज्ञान प्रकाश के अनुसार यदि यह बिल पास हो गया तो सड़कों पर रेसिंग बाइक्स और स्पोट्र्स बाइक्स का संचालन बंद हो जाएगा। इस तरह की बाइक्स केवल खेल मैदानों में या प्रतियोगिताओं में नजर आएंगी। वहीं बाइक्स के निर्माण में आवश्यक प्रॉवधानों का उल्लंघन करने वाले वाहन निर्माताओं पर 100 करोड़ रुपए अर्थदंड लगेगा। उन्हें डेढ़ साल तक की सजा भी हो सकती है।

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