उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने जोधपुर में किसान आंदोलन में धरने में दौरान किसान पुखराज की मौत को सरकार के माथे पर कलंक बताया है। उन्होंने इसे सरकार की किसान विरोधी सोच व संवेदनहीनता का एक जीवंत प्रमाण बताया है।
राठौड़ ने कहा कि कोरोना में सबसे ज्यादा नुकसान किसान वर्ग को पहुंचा है। प्रदेश के किसान कोरोना काल के 6 माह के बिजली बिल माफ करने और कृषि बिलों में 833 रुपए प्रतिमाह अनुदान देने की मांग को लेकर 5 अगस्त से अनिश्चितकालीन धरना दे रहे हैं। लेकिन सरकार के मुखिया किसानों की जायज मांगों को अनसुना कर रहे है।

जिसका परिणाम यह निकला कि पुखराज को अपनी शहादत देकर कीमत चुकानी पड़ी। विधानसभा चुनाव के दौरान राहुल गांधी ने राजस्थान में चुनाव जीतने के बाद 10 दिनों के भीतर किसान कर्जमाफी करने की घोषणा की थी, लेकिन आज तक किसानों का कर्जा माफ नहीं हुआ।

वाणिज्यिक बैंक, शिड्यूल बैंक व नोटिफाइड बैंक से ऋण लेने वाले प्रदेश के करीब 22 लाख किसान कर्जमाफी का इंतजार कर रहे हैं। टिड्डी दलों के हमले से किसानों की फसलें नष्ट हो चुकी हैं और राज्य सरकार टिड्डी नियंत्रण की दिशा में काम करने की बजाय केन्द्र पर आरोप लगाकर अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ रही है।



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