आचार्य समाचार ओनलाइन
जिला अस्पताल में बदहाल स्वास्थ्य सेवाएं : डॉक्टर का वायरल वीडियो उजागर करता है सिस्टम की नाकामीसोशल मीडिया पर जिला अस्पताल के एक डॉक्टर का वीडियो वायरल होने के बाद स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही और मरीजों के साथ दुर्व्यवहार का मामला सामने आया है। वीडियो में डॉक्टर मरीज को बाहर से जांच कराने या सरकार से शिकायत करने की सलाह देते नजर आ रहे हैं, जिससे सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली उजागर हो रही है। विभागीय अधिकारियों का दावा है कि उन्हें इस मामले की जानकारी नहीं है, लेकिन सूत्रों के अनुसार, जिला अस्पताल में कई गंभीर समस्याएं लंबे समय से अनदेखी की जा रही हैं।
👉 डॉक्टर का विवादास्पद बयान
वीडियो में डॉक्टर मरीज से कहते हैं, "जांच बाहर से करवा लीजिए या अस्पताल में भर्ती हो जाइए।" जब मरीज ने एक महीने बाद की जांच की तारीख का विरोध किया और दर्द से राहत की बात कही, तो डॉक्टर ने जवाब दिया, "जिसे वोट दिए, उसे बोलो" MLA साहब से मशीन लगवा लो। अपने गांव में मशीन लगवा लो, ताकि यहां न आना पड़े।" इस बयान ने न केवल मरीज को निराश किया, बल्कि सरकारी सिस्टम की खामियों को भी उजागर कर दिया। सवाल उठता है कि क्या डॉक्टर को मरीज से यह पूछने का अधिकार है कि उसने किसे वोट दिया?
👉 खराब मशीनें और ऑपरेटरों की कमी
सूत्रों के अनुसार, जिला अस्पताल में लाखों रुपये की कई मशीनें खराब पड़ी हैं। कुछ मशीनें ऑपरेटरों की कमी के कारण काम नहीं कर रही हैं, तो कुछ को सिस्टम से जोड़ा ही नहीं गया है। सोनोग्राफी जैसी बुनियादी जांच के लिए मरीजों को एक महीने बाद की तारीख दी जा रही है, जिसके चलते वे हजारों रुपये खर्च कर निजी केंद्रों से जांच कराने को मजबूर हैं। सवाल यह है कि जब पहले से मौजूद मशीनों की देखभाल नहीं हो रही, तो नई मशीनें लगाने की बात कितनी सार्थक है?
👉 मरीजों के साथ दुर्व्यवहार
जिला अस्पताल में रोजाना सैकड़ों मरीज सरकारी योजनाओं का लाभ लेने की उम्मीद के साथ आते हैं, लेकिन उन्हें निराशा ही हाथ लगती है। वायरल वीडियो में मरीज की पीड़ा को नजरअंदाज कर डॉक्टर का बाहर जांच कराने का सुझाव देना कहां तक उचित है? मरीज ने अपनी व्यथा व्यक्त करते हुए कहा कि वह सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में इलाज की उम्मीद लेकर आया था, लेकिन उसे इस तरह निराश किया जाना गलत है। क्या हर मरीज के साथ ऐसा ही व्यवहार किया जाता है?
👉 विभाग की चुप्पी
वीडियो वायरल होने के बाद डॉक्टर की मुश्किलें बढ़ गई हैं, लेकिन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी अभी भी इस मामले से अनजान बने हुए हैं। सम्भवतः जिला अस्पताल का यह पहला मामला नहीं है। अस्पताल में लंबे समय से मशीनों की खराबी और संसाधनों की कमी की शिकायतें अनसुनी की जा रही हैं।
👉निष्कर्ष
यह वायरल वीडियो जिला अस्पताल की बदहाल स्थिति और मरीजों के प्रति असंवेदनशील रवैये का जीता-जागता सबूत है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी इस मामले को गंभीरता से समझे, दोषियों पर कार्रवाई करे और अस्पताल की सुविधाओं को दुरुस्त करे, ताकि मरीजों को सरकारी योजनाओं का लाभ मिल सके। अन्यथा, ऐसे मामले सरकारी सिस्टम पर जनता का भरोसा और कम करेंगे।
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