(आरिफ कुरैशी) राजस्थान लोक सेवा आयोग की वाइस प्रिंसीपल आईटीआई संवीक्षा परीक्षा 2018 से जुड़े अभ्यर्थियों द्वारा एक साल का अनुभव ऑनलाइन भरने के बाद भी प्रदेश के 48 अभ्यर्थियों को अपात्र मानते हुए इंटरव्यू से बाहर किए जाने का मामला प्रकाश में आया है। इन सभी अभ्यर्थियों के स्थान पर आयोग ने अन्य अभ्यर्थियों को इंटरव्यू के लिए कॉल कर लिया है।
आयोग का कहना है कि इन अभ्यर्थियों के आवेदनों में निर्धारित एक साल का अनुभव भरा हुआ नहीं था। इस परीक्षा के इंटरव्यू 14 से 22 सितंबर तक होंगे। जिन अभ्यर्थियों को आयोग ने अपात्र मान कर इंटरव्यू से बाहर किया है, उन सभी को एसएमएस के माध्यम से सूचना दी गई।
इस सूचना के बाद ये अभ्यर्थी सकते में आ गए। ये सभी वे अभ्यर्थी हैं जो लिखित परीक्षा में उत्तीर्ण हो चुके हैं।

प्री-लिटिगेशन कमेटी से भी नैतिक न्याय का आग्रह
अभ्यर्थियों ने आयोग की प्री लिटिगेशन कमेटी से भी इस प्रकरण में हस्तक्षेप कर नैतिक न्याय के साथ ही इंटरव्यू में शामिल किए जाने का आग्रह किया है।

आयोग ने दिए ये दिशा-निर्देश
आयोग सचिव शुभम चौधरी की ओर से जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार प्राविधिक शिक्षा विभाग के लिए वाइस प्रिंसीपल, सुपरिंटेंडेंट आईटीआई संवीक्षा परीक्षा 2018 के पूर्व घोषित परिणाम 4 मार्च के अंतर्गत अपात्र अभ्यर्थियों के विरुद्ध 48 अभ्यर्थियों को सफल घोषित किया है। इन सभी को विस्तृत आवेदन कार्यालय में जमा कराने को कहा गया था।

एसएसओ आइडी से दूसरा आवेदन नहीं होता
अभ्यर्थियों का कहना है कि आयोग ने इन पदों के लिए प्रथम बार ऑनलाइन आवेदन 26 अप्रैल 2018 से 31 मई 2018 तक भराए थे। इन सभी ने निर्धारित तिथि के दौरान ही आवेदन कर दिया था। इसके बाद आयोग द्वारा 20 सितंबर 2019 को एक शुद्धि पत्र जारी कर 24 सितंबर से 8 अक्टूबर 2019 तक ऑनलाइन आवेदन पुन: मांगें और साथ ही इस अवधि में ही आँनलाइन संशोधन का अवसर भी दिया। अभ्यर्थियों का कहना है कि एक एसएसओ आईडी के द्वारा एक ही आवेदन किया जा सकता है।

ऐसे में पुन: आवेदन की जो अवधि दी गई उसमें अभ्यर्थी दूसरा आवेदन नहीं कर सकते थे। जबकि एसएसओ आईडी पर इस परीक्षा के लिए केवल संशोधन का ही विकल्प आ रहा था। ऐसे में 300 रुपए जमा करा कर शुद्धि पत्र के तहत अपने आवेदन पत्र को संशोधित कर दिया जो कि पूर्व आवेदन पत्र के अनुरूप है। इस शुद्धि पत्र के तहत निर्धारित वांछित अनुभव प्राप्त हो गया था। लेकिन आयोग ने वांछित अनुभव को पूर्व में आवेदित पत्र के अनुरूप मानकर अपात्र घोषित कर दिया।



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