
जिले में बिजली की छीजत कम करने के लिए प्रयासरत डिस्काॅम की ओर से किसानाें के लिए स्वेच्छिक बिजली भार बढ़ाने की कवायद शुरू की है। इसके लिए एईएन कार्यालय पर दाे दिवसीय शिविर लगाए जा रहे हैं। दरअसल बिजली की छीजत राेकने के लिए डिस्काॅम की ओर से प्रयास किए जा रहे है। जिले में तेजी से गिरते भूजल की वजह से किसान टयूबवैल में हाई पाॅवर की माेटर लगा रहे है, जिन खेताें में मीटर से रीडिंग है उन पर ताे बिजली के बढ़े हुए भार से बिलिंग हाे रही है, लेकिन जिले में करीब 17 हजार किसानाें के कुओं पर फ्लेटरेट से बिलिंग हाेती है।
हाई पावर की माेटर लगाने से डिस्काॅम काे नुकसान हाे रहा है। इस कारण डिस्काॅम किसानाें के लिए स्वेच्छिक बिजली भार याेजना शुरू की है। इसमें डिस्काॅम किसानाें काे स्वेच्छिक भार बढ़ाेतरी के लिए आवेदन करता है ताे उस पर पैनल्टी नहीं ली जाएगी।
बिजली भार बढ़ाने के लिए किसानाें व डिस्काॅम अधिकारियाें में रहता है गतिराेध : डार्क जाेन में शामिल झुंझुनूं जिले में डिस्काॅम अधिकारियाें व किसानाें के बीच कृषि भार बढ़ाने काे लेकर गतिराेध रहता है। कई किसानाें के खेत में जाए बगैर ऑफिस में बैठकर बिजली भार बढ़ाने के आराेप लगते रहते है। कई बार विजिलेंस भी वीसीआर भरकर पैनल्टी वसूली करती है। इस कारण किसानाें व अधिकारियाें में विवाद हाेता है।
पहले दिन 176 किसानाें ने ही आवेदन किया
डिस्काॅम की ओर से किसानाें के लिए स्वेच्छिक बिजली भार बढ़ाने के लिए साेमवार से एईएन कार्यालयाें पर दाे दिवसीय विशेष शिविर लगाए गए। पहले दिन 176 किसानाें ने 1 हजार 21 एचपी का भार बढ़ाने के लिए आवेदन किया। बिजली भार बढ़ाने के लिए किसानाें से महज 30 रुपए प्रति एचपी प्रति माह की दर से (2 माह के लिए) धरोहर राशि जमा करवा कर भार नियमित किया जाएगा।
भार बढ़ाने पर बढ़ जाएगा बिजली बिल
किसानाें की ओर से कुओं पर लाेड बढ़ाने पर उसका असर बिजली बिल पर पड़ता है। 10 एचपी पर 2300 रुपए बिल आता है, जबकि पांच एचपी बढ़ने पर 15 एपची पर यह बिल 3300 रुपए हाे जाता है। इस कारण किसान की जेब पर भार बढ़ता है।
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