शहर के एक होटल के सभागार में उरमूल सेतु संस्थान, प्लान इंडिया व ओएनजीसी के सहयोग से तीन दिवसीय प्रशिक्षण के दूसरे दिन आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व आशा सहयोगिनी की प्रशिक्षण में महिला एवं बाल विकास विभाग की महिला पर्यवेक्षक स्नेहलता शर्मा ने आईवीसीएफ, गर्भवती महिलाओं, धात्री माताओं, 6 माह से ज्यादा उम्र के बच्चों की देखभाल, स्तनपान के साथ छोटे बच्चों के पूरक आहार के बारे में भी बताया। साथ ही धात्री माताओं को बच्चों की अच्छी सेहत व स्वस्थ्य बनाए रखने के लिए हाथ धुलाई करने के लिए जागरुक किया।

उन्होंने आंगनवाड़ी कार्यकर्ता व आशाओं गृह भ्रमण के दौरान जच्चा –बच्चा कार्ड में उम्र के साथ टीकाकरण, स्तनपान में होने वाली भ्रांतियों को दूर करने पर चर्चा, स्तनपान कराने का तरीका व महिलाओं को किचन में मिलने वाले सब्जी में पोषण आहार के प्रति भी जागरुक किया जा रहा है। शिशुओं को 6 माह तक सिर्फ स्तनपान कराने से होने वाले लाभ व महत्व को लेकर पोषण आहार की पूर्ति पर जागरूक किया जा रहा है। सात से 9 माह और 9 से 12 माह तथा 13 से 24 माह के बच्चों को मिलने वाले संपूर्ण आहार की मात्रा तथा बच्चों को खिलाने के बारे में बताया। इसके अलावा महिलाओं के आहार, स्वास्थ्य, प्रजनन क्षमता, गर्भावस्था व

स्तनपान की अवधि में पोषण आहार से संबंधित आवश्यक चर्चा हितग्राहियों से की जा रही है। न्यूट्रेशन फॉर लाइफ के कार्यक्रम समन्वयक जबराराम ने स्तन से लगाने की सही तरीका, कम वजन वाले नवजात को स्तनपान कराए जाने की सही विधि, कंगारू मदर केयर द्वारा नवजात को संरक्षण देना आदि के बारे में बताया गया। साथ ही शिशुओं को शीघ्र एवं केवल स्तनपान, सतत स्तनपान कराना भी समझाया गया। घर पर बच्चों के लिए पोष्टिक आहार बनाने का तरीका बताया गया। इसी के साथ उरमूल सेतु संस्था के गेर सा व प्रमिला दक्ष प्रशिक्षण के रूप में अपनी सेवाएं दी।



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