पुलिस ने करीब एक माह पूर्व हुई लाखाें रुपए कीमत की ज्वैलरी की चाेरी का पर्दाफाश कर दिया। यह वारदात भी चाेरी की आम वारदाताें की तरह थी, लेकिन बारीकी से की गई पुलिस जांच ने इस खुलासे काे विशेष बना दिया। हुआ दरअसल यह कि गहने उस समय चाेरी हुए जब घर पर बूढ़े मां-बाप थे। मां काे यह बाेझ खाए जा रहा था कि कहीं बहु-बेटे जिंदगीभर इसका दाेष उन्हीं पर नहीं लगाते रहें, पिता के आंखे भी नम थीं।

दाेनाें की राताें की नींद उड़ गई थी, पुलिस ने जैसे ही इस मामले में शातिर चाेर काे पकड़ा, मानाे पीड़ित परिवार काे जैसे काेई खाेया हुआ खजाना मिल गया। उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा, औैर सबसे पहले बूढ़ी मां हांफते-हांफते थाने पहुंची औैर कहा तीन तारे वाले साहब से मिलना है।


थानाप्रभारी रमेंद्र सिंह उनसे मिले तो, मां ने यह कहकर उनका हाथ चूम लिया कि - बेटा तुमने जिंदगी भर का कलंक धाे दिया, बहु के गहने थे औैर मैं ठहरी सास। साेच सकते हाे कि वारदात के बाद से क्या बीत रही हाेगी। बकाैल थानाप्रभारी - मेरी 22 सालाें की नाैकरी में चाेरी के हजाराें खुलासे हुए, पीड़ित परिवाराें ने धन्यवाद दिया लेकिन इस बार जाे हुआ वाे अविस्मरणीय बन गया।

13 सितंबर काे खादिम माेहल्ला निवासी असलम खान ने रिपाेर्ट दर्ज कराई थी

पुलिस के मुताबिक - चाेरी की वारदात में 2 ताेला साेने की चूड़ियां, ढाई ताेला साेने की झुमकियां, 1 ताेले की 3 अंगूठियां, आधा ताेले के टाॅप्स, आधा ताेले की अंगूठी, डेढ़ ताेले का लाॅकेट, डेढ़ ताेले का हार, करीब 12 हजार रुपए की नकदी औैर माेबाइल सहित चाेर करीब 5 लाख रुपए का सामान चुरा ले गया था।

13 सितंबर काे खादिम माेहल्ला स्थित रहमान मंजिल निवासी असलम खान ने चाेरी की रिपाेर्ट दर्ज कराई थी। रिपाेर्ट में बताया गया कि सुबह करीब 5.30 बजे घर पर मां रईसा बेगम औैर पिता माेहम्मद अशरफ खान अपने कमरे में साे रहे थे। असलम आगरे से अजमेर पहुंचे अपने भाई काे ममेरे भाई काे लेने गया था।

घर लाैटने पर चाेरी का पता चला। थानाप्रभारी रमेंद्र सिंह ने कहा कि - वारदात के बाद पुलिस ने आसपास के क्षेत्र की सीसी टीवी कैमरे, संदिग्ध लाेगाें से पूछताछ औैर पुराने शातिर चाेराें की धरपकड़ की थी लेकिन काेई सुराग नहीं मिला। चाेरी का शक घर के आसपास ही मंडराता रहा।

चाेर ने माेबाइल बेचा, सिम निकालकर पेंट की जेब में रखी, उसकी बहन ने सिम निकाली औैर महाराष्ट्र में करती थी घंटाें तक बात - पकड़ा गया चाेर | शातिर चाेर सैफुद्दीन ने चाेरी का माेबाइल बेचकर सिम अपने पेंट की जेब में रख दी। घर आया औैर पेंट उतारकर खूंटी पर टांक दी।

अगले दिन दूसरे पेंट पहनकर निकल गया। करीब 15-20 दिनाें तक पेंट टंगी रही। सैफुद्दीन की बहन ने पेंट धाेने के लिए उतारी, जेब चैक की ताे सिम निकली। उसने सिम अपने माेबाइल में डालकर महाराष्ट्र में काॅल किया। सिम चालू थी, घंटाें तक महाराष्ट्र बात हाेने लगी।

इधर, थानाप्रभारी रमेंद्र सिंह ने राेजाना की तरह अपनी टीम से कहा सिम शुरू हुई या नहीं, ट्रेसिंग की स्थिति देखी ताे जानकारी मिली कि सिम चालू है औैर घंटाें तक महाराष्ट्र बात हाे रही थी। पुलिस ने तुरंत लाेकेशन के आधार पर सैफुद्दीन काे घर दबाेचा। चाेरी किए लाखाें के गहने बरामद कर लिए। सैफुद्दीन ने कबूला कि वारदात नशे की लत औैर अपने शाैक पूरे करने के लिए की थी।

जब तक खुलासा नहीं तब तक माॅनिटरिंग
एक माह के दाैरान हर राेज थानाप्रभारी टीम से पूछते आज क्या किया? आखिर पकड़ा गया चाेर : पुलिस ने इस मामले में झरनेश्वर राेड अंदरकाेट निवासी सैफुद्दीन पुत्र कुतुबुद्दीन काे गिरफ्तार किया गया है। आराेपी सैफुद्दीन यहां लालाखान के किराए के मकान में रहता है।

चाेरी हुए माेबाइल का सिम नंबर पुलिस के पास था, जिसे ट्रेसिंग पर लगा रखा था। वारदात के लगातार 20-25 दिनाें तक सिम बंद था। जिस टीम काे जांच में शामिल किया था, मैं राेजाना उसने जांच काे लेकर सवाल करता था आज क्या किया? एक ही जवाब मिलता कि सिम बंद है।


यह टीम थी शामिल

थानाप्रभारी रमेंद्र सिंह के नेतृत्व में पुलिस टीम में एएसआई शिशुपाल व कुंदनसिंह, हेड कांस्टेबल उदयभान, कांस्टेबल दिनेश, ब्रह्मदत्त, जावेद, विजेश, अजय, प्रेमाराम, कुलदीप औैर घनश्याम काे शामिल किया गया था।



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पुलिस ने करीब एक माह पूर्व हुई लाखाें रुपए कीमत की ज्वैलरी की चाेरी का पर्दाफाश कर दिया।
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