
सूबे के सबसे बड़े कोविड अस्पताल आरयूएचएस में मरीजों सप्लाई होने वाली ऑक्सीजन मैनुअल प्लांट के जरिए हो रही है। जबकि इसे लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट से सप्लाई करना था। मेडिकल प्रशासन 10 माह में भी अस्पताल में लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट स्थापित नहीं कर सका। मैनुअल में हर मिनिट में सिलेंडर बदलने होते हैं।
अगर थोड़ी सी भी चूक हो जाए तो अस्पताल में कभी भी बढ़ा हादसा हो सकता है। वहीं लिक्विड प्लांट में 10 से 20 लीटर क्षमता के दो टैंक बने होते हैं। एक टैंक में ऑक्सीजन खत्म होने पर दूसरे टैंक से ऑटोमेटिक ऑक्सीजन सप्लाई होने लगती है और खाली हुए टैंक में ऑक्सीजन भर दी जाती है।
ऑक्सीजन लाइन तो डाल दी कंट्रोल पैनल नहीं जोड़ पाए
सूबे में कोरोना वायरस को आए हुए 10 माह बीतने के बावजूद भी मेडिकल प्रशासन लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट नहीं लगा सकी। अस्पताल में अभी भी मरीजों को एक तरह से अस्थाई प्लांट से ऑक्सीजन सप्लाई की जा रही है। हालांकि 9 महीने बाद जाकर लिक्विड प्लांट की लाइन डल गई। एक टैंक भी बन गया है, लेकिन लाइन को अस्पताल में बने 9 कंट्रोल पैनलों से नहीं जोड़ा गया है।
क्षमता 225 मरीजों की, सप्लाई 400 की
अस्पताल में 9 कंट्रोल पैनल बने हुए हैं। एक कंट्रोल पैनल की क्षमता 25 मरीजों को ऑक्सीजन सप्लाई करने की है। इस हिसाब से 9 कंट्रोल पैनल 225 मरीजों को ऑक्सीजन सप्लाई कर सकते हैं, जबकि इनके माध्यम से 400 से अधिक मरीजों को ऑक्सीजन सप्लाई की जा रही है, जाे घातक साबित हाे सकती है।
मेंटीनेंस का टेंडर मैनुअल पैनल से हो रही ऑक्सीजन सप्लाई का मेडिकल प्रशासन ने ऑपरेटिंग का तो टेंडर कर दिया, लेकिन मेंटीनेंस का टेंडर नहीं किया है। अगर सप्लाई में टेक्निकल दिक्कत आ जाती है तो कंपनी को दिल्ली से मैकनिक भेजना पड़ेगा, क्योंकि मैनुअल सप्लाई कंपनी दिल्ली की है।
हर मिनट एक सिलेंडर की जरूरत
वर्तमान में आरयूएचएस में हर दिन करीब 1700 ऑक्सीजन सिलेंडर यूज हो रहे हैं। हर मिनिट में सिलेंडर बदलना पड़ रहा है। दो लाइन लगी हुई है। एक लाइन का सिलेंडर खत्म होने से पहले ही दूसरी लाइन में सिलेंडर लगना होता है। हालात यह है कि 15 मिनिट में 14 सिलेंडर बदलने पड़ रहे हैं।
^आरयूएचएस काेविड सेंटर में लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट कुछ दिनाें में शुरू हाे जाएगा। अधिकतर प्लांट तैयार हाे चुका है। टैंक भी बन गया है। बस कंट्रोल पैनल के कनेक्शन करना बाकी है, काम चल रहा है।
- डॉ. सुधीर भंडारी, प्रिंसिपल मेडिकल काॅलेज, जयपुर
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Via Dainik Bhaskar https://ift.tt/1PKwoAf
0 comments:
एक टिप्पणी भेजें