कोरोना केस बढ़ते जा रहे हैं। जुलाई के बाद रोग का रिकाॅर्ड हर महीने टूटता जा रहा है और मरीज बढ़ते जा रहे हैं। नवंबर में नया रिकॉर्ड बना और दिसंबर के दो ही दिन में 186 रोगी सामने आ गए। छह की जान भी चली गई। इसके बावजूद प्रशासन और चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग कंटेनमेंट जोन नहीं निकाल पाया है। नई गाइड लाइन को लेकर शहर के सर्वाधिक कोरोना प्रभावित 10 क्षेत्रों के गली-मोहल्लों को कंटेनमेंट जोन तय करने के लिए कलेक्टर चेतन देवड़ा और सीएमएचओ डॉ. दिनेश खराड़ी के बीच बुधवार शाम 5.15 से 7.20 बजे तक बैठक बेनतीजा रही। कहीं भी लॉकडाउन लगाने का निर्णय नहीं हुआ।

कलेक्टर ने कहा कि अभी कंटेनमेंट जोन निर्धारित करने जैसी स्थिति कहीं भी पैदा नहीं हुई है। किसी क्षेत्र का मोहल्ला विशेष नहीं है, जिसमें लॉकडाउन लगाने जैसे कड़े कदम उठाए जाएं। लोगों को भी एहतियात बरतने होंगे। सीएमएचओ डॉ. दिनेश खराड़ी ने कहा कि जरूरत समय पर कोरोना जांच कराने की है। कोरोना संक्रमण का समय पर पता चलने से रिकवर होने में आसानी रहती है। देश-दुनिया में कोरोना महामारी से बचाव के लिए कोई दवा सामने नहीं आई है। बता दें, उदयपुर में अब तक 9780 कोरोना संक्रमित सामने आ चुके हैं। इसी रफ्तार से आगे बढ़े तो 2-3 दिन में यह आंकड़ा 10 हजार पार हो जाएगा। बता दें, कोरोना अब तक उदयपुर के 165 लोगों की जान भी ले चुका है और दीवाली बाद से यहां संक्रमितों का ग्राफ बढ़ता ही जा रहा है।

कोई नहीं चाहता लॉकडाउन, लेकिन याद रखें खतरा टला नहीं, बढ़ा भी है और बड़ा भी, 10 इलाकों में 15-15 से ज्यादा मरीज

प्रशासन भले ही इस नतीजे पर पहुंचा है कि फिलहाल कंटेनमेंट जोन बनाने जैसे हालात नहीं हैं और यह भी कोई नहींं चाहता कि लॉकडाउन लगे। लेकिन यह न भूलें कि खतरा टला नहीं है। यह बड़ा तो है ही, बढ़ा भी है। आमजन को भी सहयोग करना होगा। मास्क, सोशल डिस्टेंस की पालना तो करनी ही होगी, भीड़ का हिस्सा बनने से भी खुद को रोकना होगा। विभाग भी यही कह रहा है कि खांसी-जुकाम, बुखार जैसे लक्षण दिखते ही तुरंत जांच करवाएं। वैक्सीन फिलहाल नहीं है, लेकिन समय रहते मर्ज पहचान में आने पर देखभाल कर जान बचाई जा सकती है। ज्ञात रहे, 15 दिन में सेक्टर-3 से 5, सेक्टर-11, सेक्टर-14, अंबामाता, विवि मार्ग, शोभागपुरा, फतहपुरा, भूपालपुरा और प्रतापनगर क्षेत्र की 45 कॉलोनियों में औसत 15-15 कोरोना पॉजिटिव मरीज मिले हैं।

3 बुजुर्गों की मौत, 76 नए संक्रमित

जिले में बुधवार को 76 नए कोरोना संक्रमित मिले हैं। इनमें 60 शहरी और 16 ग्रामीण क्षेत्र में मिले हैं। विभिन्न कोविड हॉस्पिटलों में भर्ती कोरोना संक्रमित वृंदावन विहारी निवासी 51 वर्षीय पुरुष, सेक्टर-4 निवासी 76 वर्षीय पुरुष और सेक्टर-7 निवासी 57 वर्षीय पुरुष की मौत हो गई। इससे पहले 1 दिसंबर को भी तीन संक्रमितों की जान चली गई थी। उदयपुर में कोरोना से अब तक 165 संक्रमितों की मौत हो चुकी है।

सीएमएचओ डॉ. दिनेश खराड़ी ने बताया कि उदयपुर में कोरोना के अभी भी 725 एक्टिव केस हैं। इनमें से 499 होम आइसोलेशन में हैं। शेष 226 गंभीर संक्रमित कोविड हॉस्पिटलों में भर्ती हैं। कोविड-19 प्रभारी डॉ शंकर एच. बामनिया ने बताया कि सवीना 100 फीट रोड निवासी 32 वर्षीय महिला नर्स, अशोक विहार केशव नगर यूनिवर्सिटी रोड निवासी 53 वर्षीय शिक्षिका, राजस्थान हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी-प्रताप नगर निवासी 25 वर्षीय शिक्षिका भी संक्रमित मिली हैं। अब तक उदयपुर में 9780 संक्रमित सामने आ चुके हैं।

वैक्सीन की 5 लाख से ज्यादा डोज रखने को स्टोरेज रिजर्व
कोरोना वैक्सीन प्रबंधन के लिए कलेक्टर की अध्यक्षता में 30 सदस्यीय टास्क फोर्स बनी है। संयोजक सीएमएचओ डॉ. दिनेश खराड़ी को बनाया है। यह कमेटी वैक्सीन के परिवहन, प्रबंधन, उपयोग व रखरखाव की निगरानी करेगी। वैक्सीन आमजन तक पहुंचाने में होने वाली परेशानियों का निराकरण भी करेगी। सभी एसडीओ को निर्देश दिए हैं कि वे अपने-अपने क्षेत्र में ब्लॉक टास्क फोर्स का गठन करें। सीएमएचओ डॉ. खराड़ी बताते हैं कि उदयपुर में एक बार में 5 लाख से ज्यादा कोरोना वैक्सीन के डोज एक साथ रखने के लिए आईएलआर और डब्ल्यूआईसी स्टोरेज रिजर्व किए गए हैं।



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186 patients were found in the same day, 6 deaths, administration said - Containment zone not necessary
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