जैसे-जैसे कोरोना के मरीज बढ़ते जा रहे हैं वैसे-वैसे प्रशासन व सरकार की ढिलाई भी बढ़ रही है। जहां सख्ती होनी चाहिए वहीं विभाग नियमों का पालन नहीं कर पा रहे हैं। अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि प्रशासन, चिकित्सा और पुलिस के बीच सामंजस्य नहीं है। ना तो पॉजिटिव लोगों के घरों के बाहर नोटिस चस्पा हो रहे हैं ना ही पुलिस कोई सख्ती कर रही है।

भास्कर टीम ने शहर के पॉजिटिव लोगों की सूची निकाली (जो कि प्रशासन द्वारा छिपाई जा रही है) और उन घरों तक पहुंची जहां ये पॉजिटिव रह रहे हैं। सामने आया कि ना तो इन घरों के बाहर कोई नोटिस चस्पा किए गए और ना ही कोई सख्ती। जबकि ये हॉट स्पाॅट एरिया हैं। इनमें मालवीय नगर, सी-स्कीम, झोटवाड़ा व अन्य हैं। यानि कि हॉट स्पॉट बन चुकी जगहों पर ही सख्ती नहीं है तो अन्य जगहों पर क्या नियमों की पालना हो रही होगी, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। दूसरी ओर, एडिशनल कमिश्नर राहुल प्रकाश का कहना है कि जिला प्रशासन द्वारा बनाए जा रहे कंटेंटमेंट जोन में सख्ती से पालना कराई जायेगी।

खुद के साथ-साथ दूसराें की जिंदगी खतरे में ना डालें
संक्रमित पड़ोसियों को भी संक्रमित होने से नहीं बचा रहे। वे खुद को तो छुपा रहे हैं साथ ही आस-पड़ोस के लोग संक्रमित आते हैं तो जानकारी भी नहीं देते। कोरोना संक्रमितों की कॉलोनियों में भास्कर टीम ने आस-पड़ोस के लोगों से बातचीत की बारे में पता चला। लोगों का कहना है कि संक्रमण की अपने मोहल्ले में सूचना सामाजिक जागरूकता का कार्य है ताकि संक्रमण की चयन को रोका जा सके।

झोटवाड़ा; एक घर में कई संक्रमित, पर इंसिडेंट कमांडर तक नहीं पहुंचे
अंगीरा नगर में पहले एक सदस्य संक्रमित मिला। फिर पत्नी, बेटा, बहू पूरा परिवार पॉजिटिव हो गया। दो दिसम्बर तक नोटिस भी चस्पा नहीं हुआ। परिजनों ने बताया विभाग ने फोन पर पूछा था। कहीं पुलिस ने कर्फ्यू नहीं लगा रखा। ताज्जुब की बात यह है कि आसपास वालों को भी संक्रमित होने का पता नहीं चला और वे तबीयत पूछने तक आते रहे।

इसी तरह झोटवाड़ा के ही सत्य नगर निवासी परिवार का सदस्य संक्रमित हो गया था। संक्रमित होने के बाद नोटिस चस्पा नहीं किया। फोन पर परिजनों ने बताया कि किसी तरह का अभी तक नोटिस नहीं लगाया है। गली में भी किसी तरह की रोक-टोक नहीं है।

मानसरोवर; बिल्डिंग में कई मरीज, सख्ती नहीं है

कृष्णा सागर कॉलोनी में एक जने की एक दिसम्बर को पॉजिटिव रिपोर्ट आई। जिस बिल्डिंग में यह मरीज है, वहां पहले भी दो जने पॉजिटिव आ चुके हैं। लेकिन सख्ती हवा में ही है। ना तो गेट पर ना तो नोटिस चस्पा किया गया और ना ही आवाजाही पर कोई रोक लगाई गई। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि सरकार की ओर से जो सख्ती के नियम बनाए गए हैं, उनकी कितनी पालना हो रही है? यही हाल रहा तो संक्रमण तेजी से बढ़ना तय है।

दुर्गापुरा; खुद समझिए, कितने बड़े खतरे में हैं हम

दुर्गापुरा के जादोन नगर में जिस गली में कोरोना मरीज आया उस गली में बिना रोकटोक सब्जी वाले फेरी लगा रहे हैं । ऐसे में सब्जी बेचने वाले ही संक्रमित होकर सुपर स्प्रेडर हो सकते हैं । गली में लोगों का बेधड़क आना जाना है।
दुर्गापुरा के ही महावीर नगर की जिस गली में संक्रमित आया है वहां के लोगों को पता ही नहीं। व्यावसायिक गतिविधियां चल रही हैं। निजी ऑफिस खुले हैं लेकिन लोगों को पता ही नहीं है कि पड़ोस के मकान में ही संक्रमित है।

शांति नगर गुर्जर की थड़ी मैं जिस कॉलोनी में कोरोना संक्रमित आया उससे बारे में लोगों को पता ही नहीं है। लोगों ने बताया कि यदि सूचना दे देते तो वे अलर्ट हो जाते ताकि संक्रमित होने से बच सकें। गंगा जमुना पेट्रोल पंप के नजदीक संतोष नगर में भी कोरोना संक्रमित का लोगों को पता ही नहीं है । लोगों का कहना है कि खुद मरीज आगे चलकर बताना नहीं चाहते जबकि उनके घर के आस पड़ोस से लगातार बात हो रही है।
कहीं तो कुछ भी नहीं
सरकार ने कहा था कि यदि एक ही जगह कई पॉजिटिव मरीज आएंगे तो माइक्रो कंटेनमेंट ज़ोन बनाएं जाएंगे। लिस्ट नोटिफाई की जाएंगी। लेकिन तीनों विभागों की ओर से कहीं ऐसा कुछ नहीं किया जा रहा है। स्थिति यह है कि मानसरोवर और मालवीय नगर में तो एक ही जगह पर 10 से 15 केस तक आ चुके हैं लेकिन यहां आमजन को कुछ पता नहीं होता और लोग घूमते रहते हैं।
^मामले को गंभीरता से देख रहे हैं। हर स्तर पर सरकार से वार्ता की जा रही है। कैसे, कहां क्या व्यवस्थाएं करनी है, इस पर जल्दी ही पूरी प्रक्रियाएं अमल में लाई जाएंगी। -सिद्धार्थ महाजन, हैल्थ सेक्रेट्री



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प्रधान मार्ग के पीछे कोरोना पॉजीटिव आने के बाद भी कहीं बैरिकेडिंग नहीं की गई है।
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