
कोरोना संक्रमण एवं खनिज नीति के कारण पहले ही जिले का पत्थर उद्योग बदहाली के दौर से गुजर रहा है वहीं खनिज विभाग द्वारा रॉयल्टी वसूली के लिए निजी कंपनी को ठेका देकर पत्थर व्यवसाय को खत्म करने के कगार पर पहुंचा दिया है। जिसका असर ठेका शुरू होने के पहले दिन ही देखने को मिल गया।
यही नहीं ईआरसीसी ठेकेदार के साथ खनिज विभाग के अधिकारी भी पत्थर व्यवसायियों का शोषण करने लगे हैं। खनिज विभाग द्वारा सैंड स्टोन अन्तर्गत रफ फर्श स्टोन पर 155 व पोलिस्ड खनिज पर 240 रूपए प्रति टन रायल्टी निर्धारित की हुई है।
वहीं रायल्टी की कीमत का 10 प्रतिशत डीएमएफटी राशि वसूल करने का अधिकार दिया हुआ है। लेकिन सरमथुरा मे तैनात खनिज विभाग के अधिकारियों से सांठगांठ कर ईआरसीसी ठेकेदार ने नियमों को ताक में रखकर पत्थर व्यवसायियों का शोषण करना शुरू कर दिया है। ईआरसीसी ठेकेदार द्वारा पोलिस्ड खनिज से डीएमएफटी सहित 310 रूपए प्रति टन रायल्टी वसूल की जा रही है।
साथ ही खनिज विभाग के पोर्टल पर रफ फर्श का ऑप्शन हटने से व्यवसायियों को 265 रुपए प्रति टन रायल्टी चुकानी पड़ रही है। पोर्टल से ऑप्शन हटने का खनिज विभाग के अधिकारी भी कोई संतोषजनक जवाब भी नहीं दे पा रहे हैं। जिसके कारण बाडी, बसेडी व चिलाचोंद के पत्थर व्यवसायियों ने लोडिंग, अनलोडिंग बंद कर दी है।
वहीं ईआरसीसी ठेकेदार खनिज विभाग के साथ भी धोखाधड़ी करने में लगा है। वाहन मे क्षमता से अधिक खनिज होने के बावजूद कम वजन में तौलकर वाहनो को ऑनलाइन कन्फर्म किया जा रहा है। जिसके कारण परिवहन विभाग को चूना लग रहा है वही सरकार को जीएसटी का भी नुकसान उठाना पड़ रहा है।
तुलाई के साथ 100 रुपए अतिरिक्त वसूली किए जाने की शिकायत
खनिज विभाग द्वारा ईआरसीसी ठेकेदार को वाहन से तुलाई फीस लेना निर्धारित किया हुआ है लेकिन ईआरसीसी ठेकेदार द्वारा नियमों को ताक में रखकर तुलाई के साथ 100 रूपए अतिरिक्त शुल्क वसूल किया जा रहा है जिसके कारण पत्थर व्यवसायियों में रोष व्याप्त है। ठेकेदार द्वारा टीपी, रवन्ना कन्फर्म का हवाला दिया जा रहा है, जबकि विभाग द्वारा इसका कोई शुल्क निर्धारित नहीं किया है।
17 करोड़ 11 लाख मे दिया अधिक अधिशुल्क वसूली का ठेका
खनिज विभाग ने धौलपुर के प्रभावशील खनिज पट्टों से निकलने वाले खनिज सैंड स्टोन व मैसेनरी स्टोन पर निजी कंपनी को 17 करोड 11 लाख 65 हजार 900 रूपए में अधिक अधिशुल्क वसूली का ठेका दिया है। इसके चलते ठेकेदार नियमों के विपरीत पोलिस्ड खनिज से रायल्टी बसूल कर रहा है। जबकि ठेकेदार द्वारा पोलिस्ड खनिज पर रायल्टी बसूली की कोई रसीद भी नही दी जा रही है।
सीधी बात ललित मंगल, एमई
सवाल - खनिज विभाग ने ईआरसीसी का ठेका किन शर्तों पर दिया है।
जवाब- जिले की राजस्व सीमा में खनिज सैंड स्टोन व मैसेनरी स्टोन के प्रभावशील खनन पट्टों से निर्गमित खनिज पर अधिक अधिशुल्क वसूलने का ठेका विभागीय शर्तो के अनुसार निजी कंपनी को दिया गया है।
सवाल- विभागीय शर्तो के अनुसार ईआरसीसी ठेकेदार को पोलिस्ड खनिज पर रायल्टी वसूलने का हकदार है।
जवाब- ईआरसीसी ठेकेदार को खनन पट्टों से निर्गमित खनिज पर रायल्टी वसूलने का अधिकार है। पोलिस्ड खनिज पर रायल्टी वसूलना बिल्कुल गलत है।
सवाल- तुलाई यंत्रों पर ईआरसीसी ठेकेदार रवन्ना व टीपी कन्फर्म का अलग से शुल्क वसूला जा रहा है।
जवाब- ईआरसीसी ठेकेदार को तुलाई यंत्रों पर तुलाई फीस लेना का अधिकार है। रवन्ना व टीपी कन्फर्म करने का कोई शुल्क नहीं है।
सवाल- ठेका शुरू होते ही विभागीय पोर्टल से रफ स्टोन फर्श का आॅप्शन हटने के बाद पत्थर व्यवसायी ईआरसीसी ठेकेदार से सांठगांठ होने का आरोप लगा रहे हैं।
जवाब- खनन पट्टाधारियों द्वारा गैगसा उधमियों को ब्लॉक के रवन्ना की जगह रफ फर्श के रवन्ना काटने के कारण पोर्टल से रफ फर्श का ऑप्शन हटाया है। वास्तव में जिन खनन पट्टों में रफ फर्श का प्रोडक्शन है, ऐसी खदानों का सत्यापन कर पोर्टल पर लीज को जोड़ दिया जाएगा।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Via Dainik Bhaskar https://ift.tt/1PKwoAf
0 comments:
एक टिप्पणी भेजें