प्रदेश में चिन्हित 2,000 माइनर मिनरल और 40 मेजर मिनरल की खदानों का पारदर्शी तरीके ऑक्शन किया जाए ताे नया निवेश आने के साथ रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। वेदांता समूह के चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने शनिवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मुलाकात के दौरान यह सुझाव दिया है। अग्रवाल का कहना है कि उड़ीसा जैसा प्रदेश खदानों की नीलामी कर बड़े स्तर पर राजस्व जुटा रहा है।
जबकि राजस्थान खनिज के मामले में देश में सबसे आगे है। ऐसे में खदानों का ऑक्शन से औद्याेगिक विकास तेज हाे सकता है। उन्होंने कहा कि आयात होने वाले लगभग सभी खनिज राजस्थान में उपलब्ध हैं। इन खनिज भंडारों के दोहन से आयात पर खर्च का 63% राजस्व राजस्थान को मिल सकता है।
नए स्टार्टअप को प्रोत्साहित करने, आईआईटी और आईआईएम सहित इस क्षेत्र के विशेषज्ञ संस्थानों से युवाओं को आकर्षित करने, बैंकों और वित्तीय संस्थाओं की मदद लेने का सुझाव दिया। यहां जिंक से लेकर सिल्वर, लेड, कॉपर और सोने के साथ गैस, तेल, लाइमस्टोन और पोटाश जैसे खनिज भरपूर मात्रा में हैं।
61 हजार आंगनबाड़ियों को गोद लेगा वेदांता समूह
अग्रवाल ने बताया कि कुपोषित बच्चों का पोषण करने के लिए चलाए जा रहे प्रोजेक्ट नंदघर के तहत प्रदेश की 61 आंगनबाड़ियों को नंदघर बनाया जाएगा। उन्होंने मुख्यमंत्री से कुपोषण दूर करने के लिए प्रदेश के आंगनबाड़ी केन्द्रों को नंदघर के रूप में विकसित करने की योजना को आगे बढ़ाने की इच्छा जाहिर की है। प्रदेश के 11 जिलों में लगभग 1,100 नंदघर विकसित किए गए हैं।
दस हजार करोड़ का निवेश करेगा
अग्रवाल ने बताया कि वेदांता समूह अगले दो साल में बाड़मेर में कच्चा तेल उत्पादन बढ़ाने के लिए 10,000 करोड़ रुपए का नया निवेश करेेगा। इससे सरकार की कच्चे तेल के आयात पर निर्भरता कम होगी।
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