
सरकार ने थानाें में फ्री रजिस्ट्रेशन शुरू करने के साथ ही आपराधिक मामले तेजी से बढ़े हैं लेकिन जब धीरे धीरे पुलिस ने इन मामलाें की जांच की ताे 40 से 50 प्रतिशत मामले झूठे निकले। महिलाओं की ओर से दर्ज कराए गए मामलाें में पुलिस जांच में सामने आया कि करीब 46 प्रतिशत मामले गलत दर्ज कराए गए थे। यही स्थिति एससी एसटी एक्ट के तहत दर्ज मामलाें की रही।
अनुसूचित जातियाें पर अत्याचार संबंधी मामलाें में करीब 50 प्रतिशत जांच में गलत पाए गए। नवंबर माह तक प्रदेश भर में दर्ज हुए एक लाख 79557 मामलाें में से 57 हजार 160 मामले जांच में गलत पाए गए। जिन पर पुलिस ने एफआर लगा दी। 46 हजार 254 मामलाें पर जांच जारी है। महिलाओं के अपहरण संबंधी 70 प्रतिशत मामले गलत पाए गए। संपत्ति संबंधी अपराधाें में भी करीब 28 प्रतिशत मामलाें में पुलिस ने एफआर लगा दी।
काेराेना संक्रमण के चलते प्रदेश में 15 प्रतिशत मामले कम दर्ज हुए। 2019 में 2 लाख 13 हजार 70 मामले दर्ज हुए थे। इस साल 1 लाख 90 हजार मामले दर्ज हुए। फ्री रजिस्ट्रेशन करने और मामला दर्ज नहीं करने वाले थाना प्रभारियाें के खिलाफ कारवाई करने के चलते गत वर्ष 50 हजार मामले ज्यादा दर्ज हुए थे। 2020 में सबसे ज्यादा अपहरण के मामलाेंं में कमी अाई। 2019 में जहां 7617 मामले दर्ज हुए थे वहीं वर्ष 2020 में नवंबर माह तक 5736 मामले ही सामने आए।
महिला अत्याचार के 32106 मामले दर्ज हुए, 10851 मामलाें में एफआर
प्रदेश में नवंबर माह तक महिला अत्याचार के 32106 मामले दर्ज हुए। इनमें जांच में 10851 मामले गलत पाए गए। साथ ही 12767 मामलों में पुलिस ने चालान पेश कर दिया। 8488 मामलाें पर पुलिस किसी नतीजे पर नहीं पहुंची है। इनकी जांच की जा रही है। यानी की करीब 46 प्रतिशत मामले पुलिस जांच में गलत पाए गए। दहेज हत्या के दर्ज हुए 450 में से 94 मामले जांच में गलत निकले। इसी तरह से महिला उत्पीडन, दहेज प्रताड़ना के दर्ज मामले 12926 मामलाें में से 4147 मामले गलत पाए गए।
अनुसूचित जाति पर अत्याचार के 6545 मामले, 2295 में लगाई एफआर
अनुसूचित जाति पर अत्याचार संबंधी मामलाें में पुलिस ने करीब 50 प्रतिशत मामले गलत माने हैं। 2020 में नवंबर माह तक प्रदेश में अनुसूचित जाति पर अत्याचार के 6545 मामले दर्ज हुए। इनमें से पुलिस ने जांच के बाद 2295 में एफआर लगा दी। साथ ही 1919 मामलांे पर पुलिस अनुसंधान कर रही है। हत्या के 73 मामलाें में पुलिस ने सात काे जांच में गलत माना।
इसी तरह से दुष्कर्म के 440 मामलाें में से 148 काे गलत माना। जबकि 109 की जांच की जा रही है। 3एससी एसटी एक्ट के 117 मामलाें में से 63 मामलाें में पुलिस ने एफआर लगा दी।27 में पुलिस अभी जांच कर रही है। इसी तरह से अनुसूचित जनजाति के 1755 मामले दर्ज कराए गए। इनमें से 577 मामले जांच में गलत पाए गए। 643 मामलाें में पुलिस ने आराेप प्रमाणित माने। जबकि 535 में पुलिस अभी तक किसी नतीजे पर हनीं पहुंच सकी है।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Via Dainik Bhaskar https://ift.tt/1PKwoAf
0 comments:
एक टिप्पणी भेजें