नया साल आठ वर्षीया इशिता के लिए ढेरों खुशिया लेकर आया है। परिवार की आर्थिक स्थिति सही नहीं होने के कारण इशिता का इलाज नहीं हो पा रहा था। इसकी जानकारी हेरिटेज महापौर मुनेश गुर्जर को मिली तो उन्होंने इशिता की परवरिश का जिम्मा उठाने का फैसला लिया और इशिता को गोद ले लिया।
महापौर आगामी पांच साल तक इशिता के इलाज का खर्च और परवरिश करेंगी। इशिता को बचपन से गॉल ब्लेडर और बोले सुनने की समस्या है। इस बीमारी के कारण वह स्कूल भी नहीं जा सकती। इशिता के माता-पिता रामराजपुरा में रहते है। महापौर ने बताया गुरुवार को परिजन इशिता को लेकर आए थे।
इशिता की बीमारी व परिवार की आर्थिक स्थिति के बाद आगामी पांच साल तक उसके पालन-पोषण की जिम्मेदारी ली है। वह मेरे वार्ड में ही रहती है। वह न तो बोल सकती और ना ही सुन सकती है। उसे दवाओं को किट व अन्य सामाग्री दी गई है। इसके अलावा परिजनों को राशन प्रदान किया गया है। बीमारी के चलते की शिक्षा नहीं हो पाई। बड़ी बहन उसे घर पर ही पढ़ाती थी। महापौर के इस फैसले के बाद इशिता के पिता बनवारी ने आभार व्यक्त किया।
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