नाथी का बाड़ा:मदद के लिए अनाज से भरे रहते थे कमरे; रुपए देते वक्त कभी गिने नहीं, इसलिए पड़ा नाम
गाेविंदसिंह डाेटासरा ने शिक्षकों से कहा था- मेरे घर काे नाथी का बाड़ा समझ रखा है क्या?,भास्कर वहां पहुंचा, जहां से यह कहावत शुरू हुई Via राजस्थान | दैनिक भास्कर https://ift.tt/2YNY4zC
14
Apr
2021
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