अशफाक उल्ला खां जयंती पर मोमीन ब्रदर्स मंच व तहरीक उल्मा ए हिंद ने पेश की खैराज ए अकीदत 


बाड़मेर।asonews
 अशफाक उल्ला खान भारत के स्वतंत्रता संग्राम के नायाब योद्धा थे। ऐसे दौर में जब अंग्रेजों की हिंदू मुस्लिम को बांटने की सफल हो रही थी, उसमें अशफाक उल्ला खान उनके झांसे में नहीं आने वाले लोगों में शामिल थे। इतना ही नहीं उन्होंने अपने हिंदू साथियों से कंधे से कंधा मिलाकर अंग्रेजों को नानी याद दिला दी थी। यह बात तहरीक उल्मा ए हिंद के अध्यक्ष व जामा मस्जिद के पेश इमाम हाजी लाल मोहम्मद सिद्दीकी ने स्थानीय सिंधी मुस्लिम हॉस्टल में आयोजित अशफाक उल्ला खान जयंती कार्यक्रम के दौरान बतौर मुख्य अतिथि के रूप में कही। कार्यक्रम का आयोजन मोमीन ब्रदर्स मंच व तहरीक उल्मा ए हिंद के संयुक्त तत्वाधान में किया गया। इस दौरान मुस्लिम भाइयों ने अशफाक उल्ला खान की यौमे पैदाइश पर खैराज ए अकीदत व सलाम पेश करते हुए मुल्क की खुशहाली, अमनो अमान व मगफिरत की दुआएं मांगी। 


मोमीन ब्रदर्स मंच के संयोजक अबरार व हिंद के सचिव भूटा खान जुनेजा ने बताया कि 
बालकों को देश की आजादी महान क्रांतिकारी असफाक उल्ला खान की शूरता और वीरता से प्रेरित करने के उद्देश्य से उनका जयंती समारोह का आयोजन स्थानीय सिंधी मुस्लिम हॉस्टल में किया गया। जिसमें कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे 
मुस्लिम इंतजामिया कमेटी के सचिव आदिल भाई ने अशफाक उल्ला खान की जीवनी व पारिवारिक पृष्ठभूमि पर बारीकी से प्रकाश डालते हुए कहा कि भारत की आजादी और अंग्रेजी हुकूमत की नकेल कसने वाले असफाक उल्ला खान ने अंग्रेजो का प्रतिरोध करते हुए हिंदुस्तान का मान सम्मान बढ़ाया। आजादी के हीरो महान क्रांतिकारी असफाक उल्ला खान का शौर्य और वीरता देश के नोजवानो के लिए प्रेरक है और यहां के नोजवानो को क्रांतिकारी असफाक उल्ला खान को प्रेरणा मानकर इस देश के निर्माण में अपना योगदान देना चाहिए। मौलाना मीर मोहम्मद ने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम हमारी युवा पीढ़ी में राष्ट्रभक्ति का जज्बा बढ़ाने में बेहद कारगर सिद्ध होंगे।

विद्यार्थियों को राष्ट्र सर्वोपरी की परिकल्पना पर चलने की हिदायत देते हुए कहा कि अशफाक उल्ला व रामप्रसाद बिस्मिल की दोस्ती हिंदू मुस्लिम एकता के लिए बेमिसाल थी। यह देश गंगा जमुनी तहजीब की मिशाल के रूप में सदा याद किया जाता रहेगा।

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इस अवसर हॉस्टल के व्यवस्थापक रशीद अली, आजाद समाज पार्टी जिलाध्यक्ष जमशेर मेहर, लियाकत अली, जसनाथ स्कूल के प्रबंधक रफीक मोहम्मद, इनायत भाई नोहड़ी, सिद्धिक भाई, एलियास खान रामदिया, करिमदाद मापुरी, विद्यार्थी शोएब खान, दरिया खान
 ने भी असफाक उल्ला खान को खैराज़ ए अकीदत पेश करते हुए विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम के अंत में खाद दुआएं पेश कर मुल्क की तरक्की, अमनो अमान, आपसी भाईचारा के दुआएं की।

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