शिक्षक दिवस पर समस्त गुरुजनों को शत-शत वन्दन
एक गीत
गुरू करेंगें पार
मुकेश अमन

गुरू बिन कौन है अपना,
जो हमको पार कर देगा ।

बदी को दूर कर दिल से ,
गुरू नेकी को भर देगा ।।1।।

गुरू की तू शरण ले लें ,
अमन जीवन सुधर जाये।

गुरू एक रास्ता सीधा ,
इधर जायें , उधर जायें ।।

सब कुछ तू लुटा उस पर ,
वो कर माथै पें धर देगा ।

गुरू बिन कौन है अपना ,
जो हमको पार कर देगा ।।2।।

गुरू की बात का कहना ,
अमन एक बार कर ले तू ।

दुनिया है भटक-नैया ,
भंवर के जाल उतर ले तू ।।

गुरू से ही है रोशन हम ,
वही जीवन संवर देगा ।

गुरू बिन कौन है अपना ,
जो हमको पार कर देगा ।।3।।
घनी काली, अंधेरी रात ,
एक दिन पास आनी है ।

खुदा के घर से हासिल वो ,
एक दिन श्वास जानी है ।।

इन्हीं दो दिन के पल में वो ,
हमारे पाप हर लेगा ।

गुरू बिन कौन है अपना ,
जो हमको पार कर देगा ।।4।।

गुरू जीवन की नैया का ,
कुशल साधक, खिवैया है ।

भंवर से बाहर लाये वो ,
उसी के हाथ में नैया है ।।

गुरू एक दिन हमें सच में ,
सुनहरे पंख, पर देगा ।

गुरू बिन कौन है अपना ,
जो हमको पार कर देगा ।।5।।

गुरू जीवन नही तो क्या ,
सभी सूना , सभी बेरंग ।

उसी से तो मिले जीवन ,
जीवन को अनेकों रंग ।।

गुरू शार्गिद बेघर को ,
अमन एक रोज घर देगा ।

गुरू बिन कौन है अपना ,
जो हमको पार कर देगा ।।6।।

गीतकार
बाड़मेर राजस्थान
8104123345

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