मन की बात: नोटबंदी पर बोले पीएम मोदी- फैसला थोड़ा कड़ा है लेकिन देशहित में जरूरी था
27 Nov. 2016 11:30
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपने लोकप्रिय कार्यक्रम 'मन की बात' में 26वीं बार एक बार फिर देश की जनता से रूबरू हुए। खास बात ये है कि प्रधानमंत्री मोदी का यह कार्यक्रम उनके महत्वाकांक्षी नोटबंदी के कदम के बाद आ रहा है ऐसे में देशभर की निगाहें इस पर टिकी थीं।
पूर्व में भी अपने इसी कार्यक्रम में वह भूमि अधिग्रहण जैसे मुद्दे पर किसानों को राहत देने की घोषणा कर चुके हैं। इसके अलावा भी वह कई महत्वपूर्ण घोषणाएं इसी आयोजन में करते रहे हैं।
आगे आप पढ़िए और क्या-क्या बोले प्रधानमंत्री मोदी
-मैं छोटे दुकानदारों से अपील करता हूं कि वो भी अपने यहां कैशलेस ट्रांजेक्‍शन को बढ़ावा दें। अपने यहां उन्हें ट्रांजेक्‍शन मशीनें रखनी चाहिएं, उन्हें अपने मोबाइल में नई ऐप डाउनलोड करनी चाहिएं
-मैं उन लोगों से अपील करता हूं कि वो देश के बदलाव में साक्षी बनेंगे और खुद के विकास की राह प्रशस्त करें
-हम नहीं चाहते कि आम लोगों को कोई दिक्‍कत हो इसलिए उन्हें राहत देने के लगातार प्रयास किए जा रहे हैं
-नोटबंदी से पहले कई नगर निकायों में सालभर में मात्र 3-4 हजार करोड़ का टैक्स आता लेकिन निर्णय के बाद एक सप्ताह में 13 हजार करोड़ का टैक्स मिला -इस पैसे से नगर पालिकाओं को विकास कार्य करने में मदद मिलेगी
-किसानों की भी इस समय तारीफ करनी चाहिए जो तमाम मुश्किलों को झेलने के बाद भी देश हित में डट कर खड़ा है
-खास बात ये है कि इस बार निर्णय के बाद गेंहू की बुआई भी बढ़ी है
-बैंककर्मी ने अस्पताल जाकर बीमार व्यक्ति को नोट दिए, ये सराहनीय कदम है, इस जज्बे को सलाम करना चाहिए
-दूसरों के खाते में कुछ लोग पैसे डालकर अपने पैसे बचाने में जुटे हैं उनको यह कदम भारी पड़ सकता है
-बुराइयां इतनी हैं कि कुछ लोगों की बुराई की आदत जाती नहीं हैं
- कुछ लोग नोटबंदी के इस मुश्किल दौर में भी लोगों की मदद कर रहे हैं उनकी तारीफ करना चाहिए
- मैं चुनाव के दौरान चाय पर चर्चा करता था ये नहीं पता था कि चाय से शादी हो सकती है, 17 नवंबर को सूरत में एक ऐसी ही शादी हुई जिसमें मेहमानों को सिर्फ चाय भी पिलाई गई
फैसला लेते वक्त इन कठिनाइयों का अंदाजा था लेकिन इसे लेना जरूरी था
-फैसला लेते वक्त इन कठिनाइयों का अंदाजा था लेकिन इसे लेना जरूरी था, जल्द ही इन कठिनाइयों से देश निकलकर रहेगा
-हमें उन लोगों की सराहना करनी चाहिए जो तमाम कठिनाइयों के बीच लोगों की मदद कर रहे हैं, वो चाहे बैंक कर्मी हों या पोस्ट ऑफिस के कर्मचारी
-नोटबंदी के फैसला थोड़ा कड़ा है लेकिन देशहित में जरूरी था
-50 दिन के बाद हम इसमें राहत पाएंगे, 70 साल से जो बीमारी झेल रहे थे उसके इलाज में थोड़ा समय तो लगेगा
-हर वर्ष की बात मैं जवानों के साथ दिवाली मनाने के लिए चीन से मिलती भारत की सरहद पर गया था
-वहां जवानों की स्थिति पर खूब चर्चा हुई, इससे मुझे एहसास हुआ कि हमें त्यौहारों के अवसर पर जवानों को याद करना चाहिए
-दीवाली पर उनके साथ रहकर लगा जैसे मैं अपने घर में ही हूं
-कश्मीर यात्रा के दौरान कई गांवों के सरपंच हमसे मिले और हालात पर चर्चा की

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