एचपीसीएल की बाड़मेर रिफाइनरी की लागत बढ़ने का अनुमान
एचपीसीएल ने मार्च 2013 में राजस्थान सरकार के साथ इस रिफाइनरी के लिये आपसी सहमति के ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये थे। यह रिफाइनरी बाड़मेर में केयर्न इंडिया की तेज खोज वाले क्षेत्र के पास ही राजस्थान के थार रेगिस्तान में लगनी है।
लेकिन राजस्थान में सत्ता परिवर्तन होने की वजह से रिफाइनरी परियोजना पर काम शुरू नहीं हो सका। राज्य की नई सरकार ने इस परियोजना को दी जाने वाली रियायतों और वित्तीय प्रोत्साहनों पर रोक लगा दी। एचपीसीएल के निदेशक (रिफाइनरी) विनोद एस. शेनॉय ने कहा, ‘‘हम राज्य सरकार से बातचीत कर रहे हैं, उन्हें रिफाइनरी के नये आकार और स्वरूप के बारे में विस्तार से बता रहे हैं।’
उन्होंने कहा कि रिफाइनरी का आकार तो वही रहेगा लेकिन इसे अब यूरो-छह ग्रेड के पेट्रोल और डीजल का उत्पादन करने के अनुरूप बनाया जायेगा। इस लिहाज से ‘‘परियोजना की लागत पहले के 37,000 करोड़ रुपए के अनुमान से अधिक होगी।’’ इंजीनियर्स इंडिया लिमिटेड (ईआईएल) इसका नये सिरे से अध्ययन कर रही है।
शेनॉय ने कहा कि नया लागत अनुमान अभी सामने नहीं आया है लेकिन मोटे तौर पर परियोजना पर 4,000 से 5,000 करोड़ रुपए का खर्च बढ़ सकता है। एचपीसीएल के निदेशक मंडल ने मार्च 2013 में राजस्थान के बाड़मेर में 37,320 करोड़ रुपए की लागत से रिफाइनरी लगाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। तत्कालीन राजस्थान सरकार ने 2013 में इसके लिये जमीन अधिग्रहण का काम भी शुरू कर दिया था लेकिन बाद में इसे रोक दिया गया।
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