संपादकीय

जब राजस्थान सरकार को रायल्टी के रूप में हजारों करोड़ रूपये पैट्रोल से व भविष्य में रिफाइनरी द्वारा मिल रहे हैं.......
.......फिर भी उसरकार को इतना लालच है पैसों का कि पूरे राजस्थान में विरोध के बावजूद शराब के ठेके खोल रखे हैं।
बिचारे छाबड़ा साहब शराब का विरोध अनशन करते हुए शहीद हो गये....!!!!
शराबी अभी भी जोरशोर से बस पी रहे है.....!!

सरकार को मैं दो सुझाव दूंगा कि
१. सारे ठेके बन्द कर शराब बिक्री व परिवहन पर पूर्णतः रोक लगा दो।
या
२. शराब की दुकानों को पटाखों की दुकानों की तरह आबादी से दूर एक जगह पर एक साथ लगाया जायें
और शराब वहाँ सिर्फ बिक्री ही हो जिसको पीना है वो अपने घर जाकर पीये
और अगर सार्वजनिक जगह पर पीते हुए पाया जाये तो उसे 5000 से 50,000 तक जुर्माना या 1 महिने से 5 महिने तक कारावास में डाला जायें।
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महावीर आचार्य बाड़मेर
संपादक
आचार्य समाचार ओनलाईन

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