राज्य सरकार से विधुत निगम को वेतन स्थगन से मुक्त रखने एवं विद्युतकर्मियो को बीमा योजना में शामिल  करने की मांग


बाड़मेर, 27 अप्रेल।राजस्थान विद्युत तकनीकी कर्मचारी एसोसिएशन के प्रदेश व्यापी आव्हान पर सोमवार को पूरे बाड़मेर जिले में सभी संगठनों के अभियंता, मंत्रालयिक कर्मचारियों एवं तकनीकी कर्मचारियो ने  हाथो पर काली पट्टी बांधकर सरकार के समक्ष विरोध प्रदर्शन कर कोरोना वाॅरियर्स का दर्जा देने की मांग की। सोमवार को प्रदेश के हर जिले में जीएसएस एवं लाइन पर काम करने वाला कर्मचारी हो, ऑफिस में काम करने वाले कर्मचारी अधिकारी हो, सभी ने बढ़चढ़कर भाग लिया और सरकार के निर्णय का विरोध जताया। 


एसोसिएशन के प्रदेश प्रवक्ता रमेश पंवार ने बताया कि संभवत यह पहला ऐसा विरोध प्रदर्शन था जिसमे एक संगठन के आव्हान पर सभी ट्रेड यूनियन के अभियंता ओर कर्मचारियों ने भाग लिया। उन्होने कहा कि कोरोनो जैसी वैश्विक महामारी में बिजली विभाग के सभी अधिकारी कर्मचारी निरन्तर 24 घंटे ड्यूटी देकर विधुत आपूर्ति को सुचारू बनाए रखे हुए हैं। यह डिस्कोम के कर्मचारियों के ही कड़ी मेहनत का नतीजा है कि लोगो को लॉक डाउन में विधुत कटौती का सामना नही करना पड़ा।उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री द्वारा राजस्थान प्रदेश चिकित्सा एवं पुलिस विभाग के स्थाई ओर संविदा कर्मचारियो के लिये कोरोना संक्रमण की स्थिति में राशि 50 लाख रूपए के बीमे की घोषणा की है, साथ ही वेतन स्थगन आदेश से मुक्त रखा गया है। लेकिन बिजली विभाग जो कि अतिआवश्यक सेवाओ में होने के बावजूद भी इस कोरोनाकाल में माह मार्च 2020 के वेतन का कुछ हिस्सा स्थगित करना विधुत निगमो के कर्मचारियो, अभियंताओ व अधिकारियो के आत्मसम्मान को ठेस पहुँचाने जैसा हैं। 
 जबकि पूरे राजस्थान के लाॅक डाउन के दौरान कई तकनीकी कर्मचारी दुर्घटना एवं हादसे का शिकार हो गए है। इसके बावजुद इन कर्मचारियो को 50 लाख रूपए के बीमा पाॅलिसी में लाभ नहीं मिलना दुःखद है। कोरोना संक्रमण में लॉक डाऊन के दौरान भी बिजली विभाग के पांचो कंपनियो के अभियन्ता व तकनीकी कर्मचारी भी पुलिस विभाग व चिकित्सा विभाग के समान ही सातो दिन 24 घंटे अपनी ड्यूटी पर तैनात है तथा जनता को सुचारू रूप से बिजली पहुँचा रहे है। इस दोरान ड्यूटी के दोरान कोरोना संक्रमित होने का खतरा ज्यादा है। ऐसे में विद्युतकर्मियो को50 लाख रूपए के बीमा पाॅलिसी में सम्मलित किया जाना जरूरी हैं। उन्होंने  विद्युत निगम के कर्मचारियो, अभियंताओ, अधिकारियो के पुलिस व चिकित्सा विभाग की भाँति वेतन स्थगन से मुक्त रखने व कोरोना कर्मवीर का दर्जा देते हुए 50 लाख रूपए वाली बीमा योजना में शामिल करने, मार्च माह का स्थगित किया हुआ वेतन जारी करने की मांग की। साथ ही मांग नहीं माने जाने की स्थिति में उग्र आंदोलन की चेतावनी दी गई है।

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