काेटा डाेरिया साड़ी बनाने वाले कुशल बुनकराें काे अपना हक दिलवाने की मांग काे लेकर पालिकाध्यक्षा आइना महक ने राज्य के उद्याेग आयुक्त काे ज्ञापन दिया है।
ज्ञापन में महक ने बताया कि कस्बे में कोटा डोरिया साड़ी बनाने वाले कुशल बुनकरों से उद्यमियाें द्वारा कच्चा माल सूत, रेशम, जरी उपलब्ध करवाकर मजदूरी देकर साड़ी बनवाई जाती है। ऐसे में बुनकरों को मिलने वाले सभी लाभों से वंचित रहना पड़ रहा है। समय-समय पर सरकार की ओर से इन हस्तकला के जादूगरों को विभिन्न पुरस्कार और अवार्ड के लिए चयन किया जाता है। उस साड़ी पर मालिकाना हक तो उद्यमियाें का होता है।

जब पुरस्कार की प्रविष्टि में नाम भेजने का समय आता है तब बुनकर की जगह उद्यमी के नाम से कलाकृतियों को भेज दिया जाता है। बुनकर का पुरस्कार पर जो हक बनता है, उसके स्थान पर वह पुरस्कार बिचौलिए ‌(उद्यमी) ले जाते हैं। ऐसे लोगों को मिले पुरस्कार व अवार्ड की जांच की मांग बुनकराें ने की है। वहीं बुनकरों को प्रोत्साहन देने के लिए कई योजनाएं चलाई जाती है, लेकिन बुनकरों को इन योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाता है। पालिका अध्यक्ष आइना महक ने आयुक्त को बताया कि लंबे समय से बुनकरों का हक मारा जा रहा है। उनकी स्थिति में सुधार के लिए प्रयास किए जाने चाहिए।



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Demand to get Kota Daaria saree weavers right, chairman submitted memorandum to industry commissioner
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