उपखंड के नराेदड़ा ग्राम के पास सरकारी काॅलेज के लिए आबंंटित भूमि से हजाराें ट्राॅली मिट्टी के अवैध खनन के मामले में प्रशासन ने जमीन की पैमाइश, सीमा ज्ञान तथा पत्थरगढ़ी करवाने का फैसला लिया है। स्थानीय विधायक एवं शिक्षा राज्यमंत्री गाेविंद सिंह डाेटासरा के आदेश पर पूरे मामले की जांच के लिए एसडीएम डाॅ. कुलराज मीणा के निर्देश पर गठित विकास अधिकारी एवं तहसीलदार की टीम ने माैकामुआयना किया।

तहसीलदार भागीरथराम व विकास अधिकारी सुनील ढाका ने नराेदड़ा ग्राम में आबंटित भूमि से अवैध रूप से मिट्टी के खनन एवं बेचान मामले में ग्राम पंचायत के सरपंच एवं ग्राम विकास अधिकारी आदि के साथ माैका मुआयना किया तथा बारीकी से भूमि के खसरे सहित टाइटल संबंधी कागजाताें का भी अध्ययन किया।

इस संबंध में तहसीलदार तथा बीडीओ ने बताया कि माैके पर दाे तीन स्थानाें पर से मिट्टी खुदाई की हुई है। इसकी जांच चल रही है। पूरे प्रकरण की जांच के लिए आवंटित भूमि के वास्तविक माैके एवं खसरे की पहचान के लिए पहले जमीन की पैमाइश तथा सीमा ज्ञान करवाया जाएगा। इसके बाद पत्थरगढ़ी करवाई जाएगी। पत्थरगढ़ी के लिए ग्राम पंचायत का सहयाेग लिया जाएगा।

इसके अलावा राजस्व विभाग व पंचायतीराज विभाग के कर्मचारियाें की टीम अपने स्तर पर मिट्टी खाेदकर ले जाने वालाें की पहचान करने में लगी है। आबंंटित भूमि के निर्धारण के बाद ही आगे की कार्रवाई संभव हाे सकेगी।

ये था पूरा मामला
गत वर्ष शिक्षा राज्यमंत्री गाेविंद सिंह डाेटासरा के प्रयासाें से बजट घाेषणा में लक्ष्मणगढ़ विधानसभा क्षेत्र के लिए सरकारी काॅलेज स्वीकृत हुआ था। गत वर्ष ही स्थानीय एसआर स्कूल के भवन में काॅलेज का पहला सत्र विधिवत शुरू भी हाे गया। इसके बाद इसी साल के प्रारंभ में डाेटासरा के प्रयासाें से ही सरकारी काॅलेज के खुद के भवन निर्माण के लिए नराेदड़ा ग्राम के पास 2.02 हैक्टेयर भूमि भी सरकार ने आबंंटित कर दी गई।

दैनिक भास्कर के 16 जून के अंक में खबर प्रकाशित हाेने के बाद शिक्षा राज्यमंत्री डाेटासरा ने भास्कर की खबर काे फेसबुक वाॅल पर शेयर करते हुए एसडीएम काे पूरे मामले की जांच के आदेश दिए। एसडीएम ने उसी दिन बीडीओ एवं तहसीलदार काे जांच के आदेश दे दिए।

खुदाई से सरकार काे 60 लाख का नुकसान
माेटे ताैर पर उक्त भूमि से मिट्टी के अवैध खनन से सरकार काे करीब 60 लाख रुपए के नुकसान का अनुमान है। लाॅकडाउन के दाैरान सरकारी अधिकारी व कर्मचारी काेविड नियंत्रण में लगे रहे। इसी का फायदा उठाते हुए माफिया एवं अन्य लाेगाें ने डेढ़ दाे महीने में उक्त 2.02 हैक्टेयर भूमि के एक चाैथाई के करीब एरिया काे खाेदकर करीब 15 हजार ट्राॅलियां मिट्‌टी चुरा ली।

बाजार भाव के आधार पर गणना करें ताे एक ट्रॉली की कीमत 400 रुपए है। इस हिसाब से 60 लाख की मिट्टी का खनन हाे गया। माैके का आलम ये है जहां पहले मिट्टी की टीले थे, वहां अब 8 से 10 फीट तक गहरे गड्‌ढे हाे गए हैं। अब काॅलेज भवन बनेगा ताे जितनी ट्राॅली मिट्टी खाेदी गई, उसके भराव के लिए सरकार काे 1.20 कराेड़ रु. खर्च करने होंगे।



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