राज्य सरकार ने शिक्षा विभाग में अधिक संख्या में शिक्षक पद रिक्त रहने के कारण छात्र हित में 10 जिलों को डार्क जोन घोषित कर वहां से अन्य जिलों में तबादलों पर 20 वर्ष पहले रोक लगायी थी, जो आज भी जारी है। जबकि अध्यापक लेवल प्रथम और लेवल द्वितीय भर्ती 2018 से सभी जिलों के रिक्त पद भर दिए गए हैं।
अब इन 10 जिलों में अधिक पद रिक्त होने की समस्या नहीं रही है। जिलों के रिक्त पदों के आंकड़ों से कमोबेश इसकी पुष्टि होती है। बावजूद इसके डार्क जोन जिलों में कार्यरत शिक्षकों को गृह जिले में तबादलों की छूट नहीं मिली है। दिलचस्प ये है कि कई सामान्य जिलों में तो प्रतिबंधित जिलों से अधिक पद रिक्त हैं। प्रतिबंधित में से सर्वाधिक बाड़मेर में 2382 पद रिक्त हैं। बाकी 9 जिलों में रिक्त पदों की संख्या तीन अंकों में ही है।
डार्क जोन जिलों में कार्यरत शिक्षकों की परेशानियां
इन 10 जिलों के शिक्षक 15-20 वर्षों से अपने गृह जिलों में जाने का इन्तजार कर रहे हैं। अनेक महिलाओं का नियुक्ति के बाद अन्य जिलों में विवाह हुआ है। वे अपने ससुराल में नहीं जा पा रही है। पति पत्नी में से एक की नियुक्ति डार्क जोन में होने पर वे एक जिले में नहीं रह पा रहे हैं।
डार्क जोन घोषित जिलों में रिक्त पद
बाड़मेर 2382, डूंगरपुर 739, जालोर 682, प्रतापगढ़ 679, बांसवाड़ा 644, झालावाड़ 588, सिरोही 546, बारां 480, बीकानेर 434, जैसलमेर 348
सामान्य जिलों में रिक्त पद
उदयपुर 1911, भीलवाड़ा 1094, जोधपुर 1023, जयपुर 951, अलवर 877, चित्तौड़ 779, पाली 756, राजसमंद 696, अजमेर 671, भरतपुर 651, बंदी 612, सीकर 599, चूरू 582, दौसा 562, करौली 534, हनुमानगढ़ 527, गंगानगर 512, नागौर 467, झुंझुनूं 435, सवाईमाधोपुर 398, धौलपुर 372, टोंक 323, कोटा 267
- अब नई भर्ती राज्य स्तर पर होती है। किसी जिले में पद रिक्त नहीं रहते हैं। इसलिए नई भर्ती से पहले डार्क जोन से सामान्य और विपरीत तबादला चाहने वालों से विकल्प लेकर तबादले कर राहत प्रदान की जानी चाहिए। - महेन्द्र पांडे, महामंत्री, राजस्थान प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षक संघ
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