कोरोना वायरस के कारण कई बदलाव देखने को मिल रहे है। ऐसा ही एक बदलाव मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) पर भी दिखाई दिया। इस बार एमसीआई झालावाड़ मेडिकल कॉलेज में पांच विषयों में एमडी एमएस की फाइनल ईयर की मान्यता के लिए वीडियो काॅफ्रेंसिंग से निरीक्षण करेगी। इसके लिए मेडिकल कॉलेज प्रशासन को एमसीआई का लेटर मिला है, लेकिन इस बार यह निरीक्षण मेडिकल कॉलेज के लिए आसान नहीं होगा। मेडिकल कॉलेज में पांच विषयों में एमडी एमएस की फाइनल ईयर की परीक्षाओं में बढ़ी हुई सीटों की मान्यता के लिए निरीक्षण होना है, लेकिन पांचों विभागों में फेकल्टी की कमी मान्यता दिलाने में बाधा नहीं बन जाए।

फेकल्टी की कमी से मान्यता नहीं मिली तो कॉलेज में रेजीडेंट की कमी होगी
यूजी के निरीक्षण में भी फेकल्टी की 14 प्रतिशत की कमी होने के कारण मेडिकल कॉलेज को 3 लाख रुपए फीस जमाकर दुबारा एमसीआई का निरीक्षण करवाना पड़ा था। अब पीजी एमडी एमएस की सीटों की मान्यता के लिए फेकल्टी की कमी बड़ी बाधा बनी हुई है। ऐसे में मेडिकल कॉलेज के डीन शुक्रवार को जयपुर में होने वाली (जीसी) शासकीय मंडल की बैठक में यह मुद्दा प्रमुखता से उठाने वाले हैं।

अगर फेकल्टी की कमी से मान्यता नहीं मिली तो कॉलेज में रेजीडेंट की कमी होगी और कोरोना मरीजों के इलाज में दिक्कत होगी, क्योंकि रेजीडेंट ही हैं जो कोरोना वार्ड में 24 घंटे रहकर मरीजों का इलाज करते हैं। इसके अलावा फेकल्टी की कमी से शैक्षणिक गतिविधियां भी प्रभावित हो रही हैं।

इन पांच विभागों के लिए निरीक्षण
झालावाड़ मेडिकल कॉलेज में मेडिसिन, ऑर्थोपेडिक, गायनिक, पीडियाट्रिक व एनेस्थीसिया में एमडी एमएस की फाइनल ईयर की सीटों की मान्यता के लिए एमसीआई का निरीक्षण होना है। इसके लिए विभागों द्वारा तैयारी पहले ही शुरू कर दी गई है। अब एमसीआई के वीडियो काॅफ्रेंसिंग से निरीक्षण करने के बाद तैयारियों में और तेजी आएगी।

किस विभाग में कितनी फेकल्टी कम
विभाग फेकल्टी
मेडिसिन विभाग
4 असिस्टेंट प्रोफेसर व 2 एसआर एनेस्थीसिया विभाग
2 ऐसोसिएट प्रोफेसर व 2 असिस्टेंड प्रोफेसर ऑर्थोपेडिक विभाग
3 असिस्टेंट प्रोफेसर गायनिक विभाग
1 असिस्टेंट प्रोफेसर पीडियाट्रिक विभाग
1 ऐसोसिट प्रोफेसर व एक असिस्टेंट प्रोफेसर

मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. दीपक गुप्ता से सवाल-जवाब
Q| इस बार एमसीआई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से निरीक्षण करेगी?

A. झालावाड़ मेडिकल कॉलेज में पांच विभागों में पीजी सीटों की फाइनल ईयर की मान्यता के लिए एमसीआई का निरीक्षण होना है, लेकिन कोरोना के चलते इस बार एमसीआई वीडियो काॅफ्रेंसिंग से निरीक्षण करेगी।
Q| पिछली बार एमसीआई निरीक्षण में 14 प्रतिशत फेकल्टी की कमी थी, क्या जी निरीक्षण में फेकल्टी की कमी बाधा बनेगी
A. 14 प्रतिशत फेकल्टी की कमी यूजी के निरीक्षण में थी, वह ऑल ओवर मेडिकल कॉलेज का फिगर था, इस बार पांच विभागों में पीजी सीटों के लिए निरीक्षण होना, इसमें भी कुछ फेकल्टी की कमी है।
Q| फेकल्टी की कमी दूर करने के लिए मेडिकल कॉलेज व सरकार स्तर पर क्या प्रयास किए जा रहे हैं?
A. हमने फेकल्टी कमी दूर करने के लिए पूर्व में भी राज्य सरकार को पत्र लिखा है। इस बार जीसी की बैठक हो रही है, इसमें भी मैं यह मुद्दा प्रमुखता से उठाने वाला हूं।



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