इंजीनियरिंग कॉलेज बीकानेर व राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, कुरुक्षेत्र के संयुक्त तत्वावधान में ‘चैलेंजेज इन ग्रिड इंटीग्रेशन’ पर साप्ताहिक शॉर्ट टर्म ट्रेनिंग प्रोग्राम का शुभारंभ ऑनलाइन हुआ। मुख्य अतिथि आईआईटी दिल्ली के विधुत विभाग के प्रो. ड़ॉ सुकुमार मिश्रा ने बताया की भविष्य में विधुत की खपत बढ़ने पर नवीनतम ऊर्जा संसाधनों का उपयोग बढ़ रहा है।

नवीनतम ऊर्जा संसाधनों में मुख्यतः पवन ऊर्जा एवं सौर ऊर्जा की भागीदारी ज्यादा होती जा रही हैं। लेकिन नवीनतम ऊर्जा संसाधनों की बढ़ती भागीदारी सुनिश्चित करने के कारण विद्युत ग्रिड में उत्पन्न विभिन्न चुनौतीयों का भी सामना करना पड़ता हैं।

इन चुनोतिया का सामना करने में माइक्रो ग्रिड का अहम योगदान सामने आया हैं, जिसमें विधुत का उत्पादन छोटे छोटे समूह में किया जा सकता है तथा जरूरत पड़ने पर ही मुख्य ग्रिड से सप्लाई का आदान-प्रदान किया जा सकता हैं। इस दौरान साइबर सुरक्षा व्यवस्था को भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए। अन्यथा साइबर अपराधी पूरे ग्रिड में व्यवधान उत्पन्न कर सकते हैं।



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