पुलिस मुख्यालय क्राइम ब्रांच ने गत सात दिन में करीब डेढ़ साै से ज्यादा अपराधिक मामलाें की फाइलाें काे डायरेक्शन के साथ वापस थानाें में जांच के लिए भेज दिया है। हालांकि यह रूटीन प्रक्रिया है मगर ऐसा बहुत कम हाेता है जब महज सात दिन में डेढ़ साै से ज्यादा फाइलाें काे वापस थानाें में भेज दिया गया। मुख्यालय के अनुसार अधिकतर वे फाइलें थीं जिनमें मामला दर्ज हाेने के कुछ दिनाें में ही आरोपी पक्ष की ओर से एप्राेच लगाकर फाइल काे जांच के लिए सीधे सीआईडी क्राइम ब्रांच में ले गए थे।
इनकी एक बार भी जांच पूरी नहीं हाे सकी थी। जयपुर कमिश्नरेट की करीब 40 से अधिक फाइलाें काे पुलिस मुख्यालय ने वापस भेज दिया है।
पुलिस मुख्यालय के अधिकारियाें के अनुसार जिन फाइलाें काे वापस संबंधित जिलाें में भेजा गया है उनमें से अधिकतर में थाना स्तर पर भी जांच नहीं हुई थी और आरोपी पक्ष अपने रसूख के बल पर पुलिस मुख्यालय में अधिकारियाें की एप्राेच से फाइल काे सीधे क्राइम ब्रांच में ले गए थे। डीजी एमएल लाठर ने ज्वाइन करने के साथ ही सबसे पहले ऐसी फाइलाें की स्क्रूटनी के निर्देश दिए। इसके बाद करीब डेढ़ साै से अधिक फाइलाें काे दिशा निर्देशाें के साथ संबंधित जिलाें में भिजवा दिया।
हमने स्क्रूटनी के बाद डायरेक्शन देकर फाइलें वापस भेजी हैं: डीजी क्राइम
डीजी क्राइम एमएल लाठर का कहना है कि सीआईडी क्राइम ब्रांच में आई फाइलाें की मेरिट बेस पर हमने स्क्रूटनी की है। इसके बाद कई फाइलाें काे डायरेक्शन के साथ ही वापस थाने भेज दिया है। इन फाइलाें की थाना स्तर पर ही जांच हाेगी। अधिकतर वे फाइलें थी जिनकी जांच ही नहीं हुई और सीधे क्राइम ब्रांच में आ गई। उनकाे डायरेक्शन के साथ संबंधित जिले व थाने में भेज दिया है।
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