सेना के आयुद्ध भंडारण डिपो औरअन्य जरूरताें का पूरा करने के लिए लालगढ़ जाटान के चक 8 से 12 एललजी व 24 एसडीएस में 1242 एकड़ भूमि अधिग्रहण की जाएगी। इसके लिए मंगलवार को ग्राम पंचायत भवन लालगढ़ जाटान में सादुलशहर एसडीएम हवाईसिंह यादव व सामाजिक समाघात प्रभाव (एसआईए) अध्ययन के अधिकारियों ने जनसुनवाई की। प्रभावित किसानाें से भूमि अधिग्रहण में होने वाली समस्याओं के बारे में सुझाव लिए। रोटावाली व पन्नीवाली जाटान
के पंचायत भवन में भी अधिकारियों ने जनसुनवाई की। एसआईए के अधिकारियों ने किसानों काे जानकारी दी कि राजस्थान भूमि अर्जन, पुनर्वास में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम 2016 के तहत एसआईए सेना आयुद्ध भंडारण डिपो के लिए विस्तार करेगी। जिसके लिए किसानों की भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया चल रही है। किसानों ने मांग रखी है की 18 से 20 लाख रुपए प्रति बीघा की दर से किसानों को मुआवजा दिया जाए। प्रभावित किसान परिवार को राशन कार्ड के आधार पर कम से कम 25 बीघा नहरी जमीन दी जाए। जमीन की कीमत किसान से किस्तों में भरवाई जाए, अधिग्रहण की जाने वाली भूमि की राशि का किसानों को एकमुश्त भुगतान किया जाए। केंद्र सरकार के अनुसार
प्रभावित किसान परिवार को विस्थापन अाैर जीवनयापन के लिए अगले 20 साल तक पुनर्वास राशि दी जाए, परिवार के एक सदस्य को राज्य या केंद्र सरकार नाैकरी दे, खाद्य सुरक्षा योजना व अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ दिया जाए, बैंकों का संपूर्ण कर्ज सरकार वहन करे, किसानों को कोहला फार्म, सरदारगढ़ फार्म या सूरतगढ़ जमीन दी जाए, बारानी भूमि का भी अपेक्षित भुगतान किया जाए। चूंकि अब लालगढ़ जाटान नगरपालिका बन गई है अतः उसके आधार पर आर्थिक व सामाजिक लागतें ध्यान में रखते हुए उचित मुआवजा दिया जाए। खेत मे बने मकान डिग्गी सोलर ड्रिप, फव्वारा, तारबंदी सिंचाई के लिए बनी डिग्गी पेड़ पौधे किन्नू के बाग का सर्वे रेवेन्यू विभाग से करवाकर मुआवजा दिया जाए।
किसानों का सवाल...1-2बीघा जमीन वाले परिवार जीवनयापन कैसे करेंगे
किसान अमन सहारण ने कहा कि भूमि अधिग्रहण के बाद किसान यहां से पलायन करने को मजबूर हो जाएंगे। जिन किसानों के पास 1 या 2 बीघा जमीन है। वे अपने परिवार का पालन पोषण नहीं कर पाएंगे। भोमाराम गोदारा ने कहा कि यहां भूमि अधिग्रहण होने के बाद जो किसान बाहर किसी अन्य राज्य में जमीन खरीदता है तो उससे किसी प्रकार का शुल्क वसूल नहीं किया जाना चाहिए। कम भाव में जमीन उपलब्ध करवाई जानी चाहिए। अधिकारियों ने किसानों की वीडियोग्राफी भी की ताकि सरकार तक उनके सुझाव पहुंचाए जा सकें। इस मौके पर उपतहसीलदार तनवीर सिंह संधू, राजस्व अधिकारी कपिलदेव, गगनदीप सहारण, महेश महिया, भगवानाराम मेघवाल, निखिल महिया, हनुमानसिंह व अनेक किसान मौजूद थे।
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