भाद्रपद शुक्ल पक्ष चतुर्दशी मंगलवार को अनंत चतुर्दशी के रूप में मनाई गई। मंदिरों में भगवान विष्णु की विशेष पूजा-आराधना की गई। गोविंद देवजी मंदिर में शालिगरामजी का श्रृंगार कर विशेष अभिषेक किया गया। वहीं कॉलोनियों के छोटे मंदिरों में महिलाओं ने रेशम या कपास से बने धागे अनंत बनाकर पूजन किया।
यह एक तरह का रक्षासूत्र ही होता है।गोविंददेवजी के अलावा शुक संप्रदाय की प्रधान आचार्य पीठ श्री सरस निकुंज में शुक संप्रदाय पीठाधीश्वर अलबेली माधुरीशरण महाराज के सान्निध्य में ठाकुर राधा सरस बिहारी सरकार को अनंत धारण कराए गए। पुरानी बस्ती स्थित गोपीनाथ जी, रामगंज स्थित लाड़ली जी, चौड़ा रास्ता स्थित राधा दामोदर जी मंदिर में भी अनंत चतुर्दशी मनाई गई।
ऐसे की गई पूजा-अर्चना
पुरुषों ने अनंत को दाएं और महिलाओं ने बाएं हाथ पर बांधा। अनंत सूत्र को भगवान विष्णु की पूजा करने के बाद बांधा गया।
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