
चुनाव के दौरान दोनों ही गांवों में दिन भर ग्रामीणों का जमघट लगा रहा। मतदान केंद्रों पर मतदाताओं की भीड़ उमड़ी। वहीं मतदान केंद्रों के बाहर उम्मीदवारों व उनके समर्थकों का तांता लगा रहा। लिहाजा भीड़ को नियंत्रित करने तथा सोशल डिस्टेंसिंग की पालना कराने के लिए पुलिस के अधिकारियों व जवानों को दिन भर भारी मशक्कत करनी पड़ी। कुछ मतदाताओं ने तो सोशल डिस्टेंसिंग की पालना की। लेकिन अधिकांश ग्रामीणों ने सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाई।
परिसीमन के विरोध में मझेवला के ग्रामीणों ने किया चुनाव का बहिष्कार | मझेवला गांव को कड़ैल पंचायत से हटा कर खोरी पंचायत में शामिल करने से खफा मझेवला के ग्रामीणों ने चुनाव का बहिष्कार किया। करीब साढ़े तीन सौ मतदाताओं के इस गांव से एक भी मतदाता वोट देने नहीं पहुंचे। जिससे संबंधित बूथ पर सन्नाटा पसरा रहा तथा मतदान दल मतदाताओं का इंतजार करते रहे। इतना ही नहीं ग्रामीणों ने अपने वार्ड से उम्मीदवार भी खड़ा नहीं किया। ग्रामीणों ने काफी दिनों पहले ही चुनाव का बहिष्कार करने की घोषणा की थी। बावजूद इसके प्रशासन ने ग्रामीणों से समझाइश के प्रयास नहीं किए।
पुलिस को देख कर भागे सरपंच उम्मीदवार के समर्थक | मतदान के दौरान ग्राम पंचायत कड़ैल के गांव डूंगरिया में सरपंच पद के उम्मीदवार के बड़ी संख्या में समर्थक एकत्रित हो रखे थे। प्रतिद्वंदी उम्मीदवार ने पुलिस से शिकायत की। इस पर तत्काल पुलिस जाप्ता मौके पर पहुंचा तथा लाठियां भांजी। इस दौरान
एक युवक गिर गया। जिससे उसके पैर की हड्डी टूट गई।
कलेक्टर-एसपी ने किया दौरा
मतदान के दौरान कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित एवं एसपी कुंवर राष्ट्रदीप ने कड़ैल व खोरी के मतदान केंद्रों का दौरा कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया।
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