पॉक्सो कोर्ट के न्यायाधीश अखिलेश कुमार ने नाबालिग का अपहरण व लैंगिक अपराध के आरोप में एक युवक को दोषी मानते हुए 10 साल का कठोर कारावास और 10 हजार रुपए का जुर्माना भी दंडित किया है। विशिष्ट लोक अभियोजक शिव प्रकाश भाटी ने बताया कि पीड़िता के पिता ने रिपोर्ट दर्ज करवाई कि पीड़िता 28 मई 2017 को घर पर ही थी लेकिन 29 मई को सुबह चार बजे उठकर देखा तो वह घर पर नहीं मिली। इधर-उधर पता किया, लेकिन वह नहीं मिली।

तलाश करते हुए पूर्व सरपंच के घर पर पहुंचे। उन्हें उनकी बच्ची को गायब होने की जानकारी दी। यह भी बताया कि मथानिया निवासी आरोपी के पिता 10-15 दिन पहले उसके घर आया था तथा उसकी बच्ची का विवाह उसके बेटे (आरोपी) के साथ करने की बात कही थी। जिस पर उसने मना कर दिया क्योंकि उसकी बच्ची पढ़ाई करती है तथा वह नाबालिग भी है, इसलिए अभी शादी नहीं करेगा। इसलिए वह शादी की नीयत से बहला फुसलाकर भगाकर लेकर गया। पुलिस ने अनुसंधान कर कोर्ट में आरोप पत्र पेश किया। कोर्ट ने आरोपी को दस साल का कठोर कारावास से दस हजार रुपए के जुर्माने से दंडित किया।



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