शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास जोधपुर प्रांत की एक दिवसीय कार्यशाला वेबीनार के माध्यम से संपन्न हुई। इस माैके पर डीआरडीओ के पूर्व निदेशक डॉक्टर हनुमानप्रसाद व्यास ने कहा कि आत्मनिर्भरता के आधार पर ही भारत विश्वगुरु बनेगा। व्यास ने आत्मनिर्भर भारत में हमारी भूमिका विषय पर उद्बोधन देते हुए कहा कि हमारा पोटेंशियल बहुत है।
इसे सही दिशा में लगाने की आवश्यकता है। विशेष रूप से रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता जरूरी है अन्यथा इसके कारण से हमारी विदेश नीति व अर्थव्यवस्था प्रभावित होती है। इसके लिए सर्वाधिक जरूरी है कि शिक्षा को देश के लिए उपयोगी बनाया जाए।कार्यक्रम में प्रस्तावना के रूप में न्यास के शोध कार्य आयाम के राष्ट्रीय संयोजक राजेश्वर ने शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास एक सामान्य परिचय एवं विकास यात्रा विषय पर उद्बोधन दिया।
राजस्थान विश्वविद्यालय के एसोसिएट प्रोफेसर व राष्ट्रीय शिक्षा नीति क्रियान्वयन समिति के सदस्य डॉ राजीव सक्सेना ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति क्रियान्वयन में हमारी भूमिका पर मार्गदर्शन किया। मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग की पूर्व सदस्य शोभा ताई पेठणकर ने कहा कि भारत में जितने भी शिक्षा आयोग बने हैं, उनकी सिफारिशों ठीक है किंतु उनका क्रियान्वयन ठीक प्रकार से नहीं हो पाया।
न्यास द्वारा विभिन्न स्तरों पर क्रियान्वयन समितियों का गठन किया गया है। इस अवसर पर डॉ दुर्गाप्रसाद अग्रवाल,न्यास के प्रचार आयाम प्रभारी बालकिशन भाटी, डॉ चंद्रशेखर कच्छावा, विजयसिंह, आईदानसिंह मलूंगा, वचनाराम, संदीप जोशी, डॉ चंचल कच्छावा, डॉ.राजेंद्र श्रीमाली, मूलचंद गहलोत, डॉ भुनेश्वर सुथार, डॉ बलबीर चौधरी, राजेश्वर पाराशर, सुरेन्द्र नाग अादि माैजूद थे।
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