शारदीय नवरात्र इस बार 17 अक्टूबर से प्रारंभ हो जाएंगे, लेकिन इस नवरात्र गरबा की धूम नहीं रहेगी। क्योंकि कोरोना गाइडलाइन के चलते संस्थाएं और समाज इस साल गरबा आयोजन नहीं कर रहे हैं। साथ ही इस बार माता की प्रतिमाएं भी स्थापित नहीं होंगी।

मंदिरों में भी सोशल डिस्टेंस के साथ दर्शन होंगे। ऐसा 26 साल बाद हो रहा है। इससे पहले वर्ष 1994 में सूरत में फैले प्लेग के कारण सरकार ने इन्हीं दिनों भरतपुर की नुमाइश सहित भीड़ वाले आयोजनों पर रोक लगा दी थी।

इस साल कोरोना की बंदिशों के कारण नवरात्र का बाजार अभी ठंडा है। गरबा आयोजन से जुड़ी फैशन डिजायनर शालिनी तांबी कहती है कि हर साल शहर में 50 से ज्यादा संस्थाएं, समाज और संस्थान डांडिया का आयोजन करती आई हैं।

करीब 10 दिन तक चलने वाले डांडिया में गरबा ड्रेस, डांडिया, माता की पोशाक, ब्यूटी पार्लर, खानपान, सजावट आदि से हर साल करीब 50 लाख रुपए का कारोबार होता है। किंतु इस साल कोरोना के कारण अधिकांश संस्थाएं गरबा का प्लान नहीं कर रही हैं। अग्रवाल जन चेतना मंच के सीए अतुल मित्तल ने बताया कि गरबा में सोशल डिस्टेंस की पालना संभव नहीं है। कोरोना गाइडलाइन भी सख्त हैं।


इसलिए इस साल डांडिया प्लान नहीं किया जा रहा है। इधर, 17 अक्टूबर से प्रारंभ हो रहे नवरात्र के लिए मंदिरों में तैयारी प्रारंभ हो गई है। यद्यपि इस बार कोरोना के कारण कई प्रकार की सावधानियां बरती जाएंगी। फिर भी रंग-रोगन, नई पोशाक, हवन, भंडारे आदि की तैयारी हो गई है।

जॉइंट फैमिली में डांडिया प्लान
कोरोना की बंदिशों से घरों में कैद लोगों की छटपटाहट छोटे आयोजनों से निकलेगी। मसलन, जहां संयुक्त परिवार रहते हैं वहां गरबा के आयोजन हो सकते हैं। गरबा आयोजन से जुड़ी श्वेता खंडेलवाल का कहना है कि ऐसा नहीं है कि आयोजन नहीं होंगे, किंतु उनका स्वरूप बदला हुआ होगा।

पिछले दिनों गणेशोत्सव इसकी मिसाल है। इसलिए गरबा आयोजन के लिए जॉइंट फैमिली और गेट बंद कालोनियों में डांडिया प्लान किया जा रहा है। क्योंकि त्योहारी जीवन जीने के आदी लोग कोई न कोई रास्ता निकाल ही लेते हैं। इसलिए इन जगहों पर ही छोटे पांडाल और प्रतिमा स्थापना होगी और गरबा भी।

गणेशोत्सव में भांपा बाजार का मूड, मूर्तिकारों ने बनाई देवी की छोटी प्रतिमाएं
मूर्तिकारों ने गणेशोत्सव में हमने लोगों और बाजार का मूड समझ लिया है। इसलिए नवरात्र के लिए छाेटी प्रतिमाएं बनाई हैं। मूर्तिकार भूपेश कहते हैं वैसे भी बड़ी प्रतिमाओं के हमारे पास आर्डर भी नहीं थे। क्योंकि हालात अभी सामान्य नहीं हैं। इसलिए लाेग घराें में दुर्गा की प्रतिमाओं की स्थापना करेंगे।

इस कारण एक से ढाई फुट तक की प्रतिमाएं ही बनाई हैं। छोटी प्रतिमाएं 50 से 250 रुपए तक की है। माता की मूर्ति में मास्क लगाया गया है। पूर्व में भरतपुर में बनी मूर्तियां जयपुर, दिल्ली, इंदौर, आगरा आदि स्थानों पर भेजी जाती थीं। लेकिन दुर्गा मंडलों की ओर से आर्डर नहीं मिले तो काम बीच में रोक दिया और छोटी मूर्तियां बनाई। डिमांड अच्छी निकलेगी इसलिए पिछले साल से छोटी मूर्तियों की संख्या सवा गुना है।

नौ दिन में बनेंगे सर्वार्थ सिद्धि, रवि सिद्धि, द्वि पुष्कर और सौभाग्य योग
नवरात्र में 17 को इस बार घट स्थापना सर्वार्थ सिद्धि योग में होगी, इसके साथ ही नवरात्र के 9 दिन में से 7 दिन सर्वार्थ सिद्धि, रवि सिद्धि, द्वि पुष्कर और सौभाग्य योग बनेंगे। इस दौरान कोरोना के संक्रमण में भी कमी आने की उम्मीद है। ज्योतिषी सुभाष व्यास का कहना है कि घट स्थापना सर्वार्थ सिद्धि योग में होने के बाद 19,23,24 अक्टूबर को भी सर्वार्थसिद्धि योग रहेगा।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
Garba will not happen after 26 years, about 6 thousand small statues will be installed in homes
Via Dainik Bhaskar https://ift.tt/1PKwoAf

Advertisement

0 comments:

एक टिप्पणी भेजें

 
Top