प्रदेश के आयुर्वेद नर्स-कंपाउडर के लिए राजस्थान आयुर्वेद नर्सिंग काउंसिल में बिना रजिस्ट्रेशन के प्रैक्टिस, सरकारी या प्राइवेट नौकरी करने पर भारी पड़ सकता है। पंजीकरण नहीं कराने पर दो साल की सजा या दो लाख रुपए जुर्माना या दोनों से दंडित किया जा सकेगा।

आयुर्वेद विभाग के अतिरिक्त निदेशक आनंद कुमार शर्मा ने बताया कि आयुर्वेद नर्सिंग काउंसिल अधिनियम 212 की धारा 38 के अनुसार राज्य में कोई भी व्यक्ति बिना पंजीकरण के प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रुप से आयुर्वेद नर्स -कंपाउंडर से संबंधित किसी तरह काम करते पाए जाने पर धारा -38 के उपबंधों के उल्लंघन की श्रेणी में माना जाएगा। और दोषसिद्ध होने पर सजा का प्रावधान है।

राज्य के समस्त उपनिदेशक को सरकारी औषधालयों, चिकित्सालयों में काम कर रहे नर्सिंग स्टाफ का पंजीकरण कराने के लिए पाबंद किया है। अखिल राजस्थान राज्य आयुष नर्सेज महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष छीतर मल सैनी ने बताया कि गुपचुप तरीके से काउंसिल में बिना पंजीकरण के चुनाव कराए जाने का विरोध के बाद आदेश जारी किए है। उल्लेखनीय है कि भास्कर ने पहले तो आयुर्वेद काउंसिल का गठन फिर पंजीकरण का मुद्दा उठाया था।

ऐसे करा सकते है पंजीकरण
राजस्थान आयुर्वेद नर्सिंग काउंसिल के रजिस्ट्रार डॉ.कमल चंद्र शर्मा के अनुसार आयुर्वेद विभाग की वेबसाइट पर पंजीकरण के लिए आवेदन पत्र निकाल सकते है। जिसके साथ तीन फोटो, 10 से 12 वीं की अंकतालिका, कंपाउंडर कोर्स की अंकतालिका, प्रमाण पत्र, मूल निवास, आधार कार्ड के साथ 2 हजार रुपए की डिमांड ड्राफ्ट (रजिस्ट्रार, राजस्थान आयुर्वेद काउंसिल) के साथ प्रताप नगर स्थित आयुष भवन में जमा करा सकते है। मौजूदा स्थिति में काउंसिल में 4014 नर्स-कंपाउंडर पंजीकृत है।



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प्रतीकात्मक फोटो।
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