शहर में कोरोना संक्रमण की विस्फोटक वापसी के साथ धारा-144 और नाइट कर्फ्यू का टूरिज्म इंडस्ट्री जबर्दस्त असर पर पड़ा है। हालात ये हैं कि पर्यटकों का जो आंकड़ा दीवाली बाद जैसे-तैसे 2730 तक पहुंचा था, वह फिर 200 पर आकर सिमट गया है। टूरिज्म कारोबारियों को लॉकडाउन खुलने के बाद फेस्टिव सीजन में पर्यटकों की अच्छी संख्या रहने की उम्मीद थी। इसकी शुरुआत भी हो गई थी, लेकिन प्रदेश में संक्रमण के बढ़ते आंकड़ों के चलते सरकार द्वारा 22 नवंबर से की गई सख्ती और नाइट कर्फ्यू लगने के बाद हालात उलट गए।
रेस्टोरेंट बिजनेस में रोज हो रहा 10 लाख से ज्यादा का नुकसान
सहेलियों की बाड़ी, चीरवा स्थित महात्मा गांधी स्मृति उद्यान, मेवाड़ बायोडायवर्सिटी पार्क सहित सभी टूरिस्ट प्वाइंट्स पर पर्यटकों का पगफेरा एकाएक कम हाे गया है। सहेलियों की बाड़ी में रोज 1500 से 2000 पर्यटक आ रहे थे, लेकिन तीन दिन से आंकड़ा 200 के आसपास रह गया है।
टूरिज्म कारोबारियों के मुताबिक नवंबर के इन्हीं दिनों में राेज औसतन 2500 पर्यटक आते थे और यह सिलसिला जनवरी के पहले सप्ताह तक रहता था। लेकिन धारा-144 और नाइट कर्फ्यू देख पर्यटक होटल-टैक्सियों की बुकिंग कैंसिल करवा रहे हैं। राेज 10 लाख रुपए से ज्यादा का नुकसान हाे रहा है।
90% गिरा पर्यटकों का आंकड़ा, सहेलियों की बाड़ी में सन्नाटा
- हाेटल संस्थान दक्षिणी राजस्थान के सचिव राकेश चाैधरी बताते हैं कि हाेटलाें में दीवाली के समय 30% से ज्यादा ऑक्यूपेंसी थी। उम्मीद थी कि पर्यटक बढ़ेंगे। लेकिन पर्यटक बुकिंग कैंसिल कर रहे हैं।
- उदयपुर गाइड यूनियन अध्यक्ष रणविजय सिंह ने बताया कि गुजरात व महाराष्ट्र के पर्यटक कुछ समय रुकते हैं, अब उन्होंने जल्दी लौटना शुरू कर दिया है। सहेलियों की बाड़ी में 90% पर्यटक कम हो गए हैं।
- रेस्टाेरेंट एसाेसिएशन अध्यक्ष दीपेश हेमनानी ने बताया रेस्टाेरेंट का समय ही 8 बजे से शुरू हाेता है। नाइट कर्फ्यू से 10% बिजनेस रह गया। पर्यटन व्यवसाय को रोज 10 लाख से ज्यादा का नुकसान है।
तीन दिन में ही 30% टैक्सी बुकिंग कैंसिल
महाराणा प्रताप टैक्सी यूनियन अध्यक्ष गजेंद्र शर्मा ने बताया कि नवंबर-दिसंबर में कुछ कमाई की उम्मीद थी, वापस लॉकडाउन जैसी स्थिति हाे गई है। पर्यटक एडवांस बुकिंग कैंसिल करवा रहे हैं। तीन दिन में ही टैक्सियों की बुकिंग 30% गिर गई। अब आधे से ज्यादा गाड़ियां स्टैंड पर खड़ी हैं। अब ताे नए साल से उम्मीद है।
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