(कन्हैया हरितवाल). परिवहन विभाग ने ड्राइविंग लाइसेंस एवं आरसी गलत पते पर पहुंचाने की शिकायतों के बाद डाक विभाग से यह कार्य वापस ले लिया है। अब डाक विभाग का कहना है कि परिवहन विभाग का दावा गलत है। डाक के जरिए गत चार महीने में 1 लाख 35 हजार 999 डीएल-आरसी घरों तक पहुंचाई गई और इनमें से महज 1804 ही मामलों में गलत पतों की वजह से लौटाया गया था।

परिवहन विभाग का तर्क था कि अकेले जयपुर में 32 हजार में से करीब 8 हजार डाक गलत पते पर भेज दी गई। शिकायतों के चलते ही यह निर्णय किया गया है। आरसी एवं डीएल के लिए लोगों को आरटीओ एवं डीटीओ के चक्कर नहीं लगाने पड़े और बिचौलिए प्रथा को खत्म किए जाने को लेकर परिवहन विभाग ने अगस्त, 2019 में डाक विभाग से करार किया गया था। डाक विभाग को आपत्ति है कि परिवहन विभाग गलत आंकड़े पेश कर महकमे को बदनाम कर रहा है।

52 आरटीओ-डीटीओ में यह व्यवस्था शुरू की गई
1 अगस्त 2019 से परिवहन विभाग ने ड्राइविंग लाइसेंस व आरसी डाक विभाग के माध्यम से भेजने की व्यवस्था शरू की थी। विभाग प्रदेश के 52 आरटीओ व डीटीओ सेंटर से आरसी व लाइसेंस कलेक्ट कर उनकाे स्पीड पाेस्ट करता था। लाेकल भेजने के प्रति लिफाफा 19 व प्रदेश में अन्य जगह भेजने का 41 रुपए स्पीड पाेस्ट चार्ज लिया जाता है। आरसी या लाइसेंस, वेलकम लेटर व लिफाफा तैयार करने का 60 पैसा लिया जाता है। जिनका गलत पता, उनकाे पुन: लाैटा दिया जाता है।

^ विभाग पर आराेप लगाकर व्यवस्था को बंद करना गलत बात है। परिवहन विभाग कह रहा है कि 32 हजार आरसी-ड्राइविंग लाइसेंस भेजे, जिनमें से 8 हजार गलत पत्ते पर पहुंचे है, यह सरासर गलत आंकड़े है।
-भूपेंद्र पाराशर, डाक विभाग के असिस्टेंट डायरेक्टर बीडी एंड मेल
^ हम कोई आरोप नहीं लगा रहे, सिर्फ आंकडों से तथ्य बताए हैं। हमें शिकायतें मिली थी और उनका वैरिफिकेशन भी करवाया गया था। यहां लाइसेंस बनाने आने वालों में से 99 फीसदी ने पुराने सिस्टम को ही सही बताया था। परिवहन मंत्री से अनुमति मिलने के बाद ही व्यवस्था को बदला गया है।

- रवि जैन, परिवहन विभाग आयुक्त



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Only 1804 posts went to the wrong address RTO; 8 thousand RC sent to other homes in Jaipur itself
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