विभिन्न मांगों को लेकर गांधीनगर स्थित निदेशालय, समेकित बाल विकास सेवाएं कार्यालय के बाहर धरना दे रही आशा सहयोगिनी ने मंगलवार से भूख हड़ताल शुरू कर दी है। पहले दिन पांच महिलाएं कौशल्या ढाका, बबीता शर्मा, शीला, सुनीता, निर्मला भूख हड़ताल पर बैठी। धरने में शामिल चूरू जिले की विनोद की तबीयत दिन में बिगड़ गई जिसे अस्पताल ले जाना पड़ा।
वहां चिकित्सकों ने प्राथमिक उपचार देने के बाद छुट्टी दी। अपनी मांगें बनवाने के लिए प्रदर्शनकारी महिलाएं बुधवार सुबह 11:00 बजे सहकार मार्ग से सिविल लाइन्स फाटक तक रैली निकालेंगी। उधर, प्रशासन ने आशा सहयोगिनी से वार्ता करने की कोशिश की लेकिन लिखित में आश्वासन नहीं मिलने तक वार्ता के लिए वे राजी नहीं हुई।
आशा सहयोगिनी के पक्ष में उतरी बीजेपी, सीएम से समाधान का आग्रह
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने कहा कि पिछले सात दिन से प्रदेश की आशा सहयोगिनी जयपुर के गांधीनगर में महिला बाल विकास कार्यालय के बाहर अपनी विभिन्न मांगों को लेकर धरने पर बैठी हैं। सीएम को इनकी मांगों पर गंभीरता से ध्यान देकर समाधान निकालना चाहिए। पूनियां ने कहा कि मानदेय सहित विभिन्न मांगों को लेकर कड़ाके की सर्दी में आशा सहयोगिनी बहनें राजधानी जयपुर में धरने पर बैठने को मजबूर हैं, लेकिन मुख्यमंत्री समाधान निकालने की बजाय संवेदनहीन बने बैठे हैं और उनसे वार्ता की पहल नहीं की गई है।
मांगों के शीघ्र निस्तारण के लिए कमेटी ने सरकार को भेजा प्रस्ताव
महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री ममता भूपेश ने उच्चाधिकारियों शासन सचिव डॉ.के.के. पाठक एवं चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण सचिव सिद्धार्थ महाजन व निदेशक, आईसीडीएस की कमेटी का गठन किया है। मंत्री भूपेश ने बताया कि आशाओं के लिए कमेटी बेहद गंभीर है। कमेटी द्वारा वित्त विभाग को आशाओं के मानदेय वृद्धि संबंधी वित्तीय मांगें राज्य सरकार को प्रेषित की जा चुकी है। आशा सहयोगिनियों को चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग से प्राप्त होने वाले इंसेंटिव में तर्कसंगत वृद्धि के लिए भी भारत सरकार को पत्र लिखा जा रहा है।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Via Dainik Bhaskar https://ift.tt/1PKwoAf
0 comments:
एक टिप्पणी भेजें