पांच माह पूर्व सोजती गेट के पुराने नगर निगम भवन में आनन-फानन में शिफ्ट किए गए उत्तर निगम के ऑफिस को फिर से पॉलीटेक्निक कॉलेज परिसर में दक्षिण निगम के भवन में लाने की घोषणा के साथ ही इसकी तैयारियां तेज हो गई हैं। इसके लिए नक्शे बनाए जा रहे हैं। डीएलबी के फैसले के बाद निगम के बी+जी+2 को वर्टिकल बांटने का फैसला लिया गया है।

आधे भवन में उत्तर व आधे में दक्षिण कार्यालय संचालित होगा। सेकंड फ्लोर पर कमरा नंबर 209-210 व 211 आयुक्त उत्तर और कमरा नंबर 201 व 202 आयुक्त दक्षिण के लिए आरक्षित किया गया है। कमरा नंबर 203, 204 व 205 महापौर दक्षिण और कमरा नंबर 207 (डबल रूम) व 208 (सभाकक्ष) को महापौर उत्तर के लिए चिह्नित किया गया है।

साथ ही फर्स्ट मंजिल से सेकंड फ्लोर को जाने वाली सीढ़ियों के एक तरफ विधि अधिकारी के कमरे में उत्तर निगम उप महापौर को तो ठीक सामने ही दूसरी तरफ लेखा शाखा के कमरे में उप महापौर दक्षिण को आवंटित करने का प्लान बनाया जा रहा है। इसके अलावा उत्तर व दक्षिण के 2-2 उपायुक्त, नेता प्रतिपक्ष, सत्ता पक्ष व विपक्षी पार्षदों के अलावा अभियंता, विधि, राजस्व, सामान्य, संस्थापन, लेखा शाखा, रोशनी, हेल्थ के साथ दोनों निगम के कर्मचारियों की बैठक व्यवस्था तय की जा रही है।

उत्तर निगम ओएस सलामतुल्लाह खान व निगम दक्षिण के ओएस सुबोध शंकर व्यास को जिम्मेदारी दी गई है। उपायुक्त अयूब खान के निर्देशन में दोनों बैठक व्यवस्था के लिए नक्शे बना रहे हैं। इसके बाद अन्य काम शुरू होंगे।
तो खाली करना पड़ सकता है उप महापौर को कमरा
उत्तर निगम के दुबारा से दक्षिण निगम में शिफ्ट होने की खबर के साथ ही दक्षिण के उप महापौर किशन लड्‌ढा ने 207 पर कब्जा जमा लिया था, लेकिन अब नई व्यवस्था पर निगम फैसला लेता है तो उन्हें यह कमरा खाली करना पड़ सकता है।
पूर्व महापौर बोले- दो शिफ्ट में चलाएं दो निगम
निगम उत्तर व दक्षिण को एक ही भवन में शिफ्ट करने के फैसले को पूर्व महापौर घनश्याम ओझा ने हास्यास्पद बताते हुए इसे अदूरदर्शी कदम बताया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने पूर्व में बिना किसी कारण के नगर निगम को दो भागों में विभक्त कर दिया, लेकिन दोनों निगम के इन्फ्रास्ट्रक्चर को लेकर कोई व्यवस्था नहीं की गई।

इससे असमंजस की स्थिति रही। जब निगम दो भागों में बांटा गया था, उस समय भी उन्होंने आपत्ति जताई थी, लेकिन सरकार ने अपना फैसला लिया और अब जब एक ही भवन में दो महापौर, दो उपमहापौर, दो आयुक्त, 6 उपायुक्त, 2 मुख्य सचेतक, 2 नेता प्रतिपक्ष बैठेंगे तो किस तरह से नगर निगम की कार्यप्रणाली संचालित होगी। ओझा ने कहा कि इससे अच्छा तो यह होता है कि निगम को 2 शिफ्ट में कर दिया जाता। सुबह 8 से 2 बजे की शिफ्ट में निगम उत्तर और दोपहर 2 बजे से शाम 8 बजे तक निगम दक्षिण की शिफ्ट हो जाती।



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