
राज्य सरकार के रुख से नाराज निजी स्कूलों के संगठन प्राइवेट स्कूल डायरेक्टर्स एंड मैनेजमेंट एसोसिएशन ने सोमवार को जिला कलेक्ट्री के बाहर प्रदर्शन किया। शिक्षामंत्री गोविंद सिंह डोटासरा के आरटीई भुगतान नहीं करने के बयान का भी विरोध जताया और कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा।
अध्यक्ष जितेश श्रीमाली का कहना है कि महामारी के दौर में भी प्रदेशभर में लाखों छात्रों को आरटीई के तहत निशुल्क पढ़ाया गया। लेकिन शिक्षा मंत्री अब बोल रहे हैं कि इसका भुगतान नहीं करेंगे। ये पूरी तरह असंवैधानिक है। संगठन ने मंत्री से इस बयान को वापस लेने की मांग की। साथ ही शिक्षण संस्थाओं को कोविड गाइड लाइन के साथ छात्रों के लिए खोलने की भी मांग की। संगठन का कहना है कि कई स्कूलों ने क्रमोन्नत के लिए कई आवेदन कर रखे हैं, लेकिन इनकी भी सुनवाई नहीं की जा रही है। साथ ही सरकारी स्कूलों में प्रोत्साहन के लिए चलाई जा रही सरकारी योजनाओं को निजी स्कूलों में भी लागू करने की मांग की गई।
यह बोले थे शिक्षामंत्री डोटासरा : गाैरतलब है कि प्रदेश के शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने बुधवार को निजी स्कूलों की बकाया आरटीई राशि के भुगतान को लेकर बयान दिया था कि प्रदेश में जब पिछले 9 महीनों से स्कूल पूरी तरह से बंद है तो ऐसे में आरटीई राशि का भुगतान का सवाल ही नहीं उठता है। जब बच्चे स्कूल गए ही नहीं है तो आरटीई की राशि किस बात की। स्कूल प्रबंधन में इसी बयान को लेकर आक्रोश है।
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