
नए साल का जश्न कई सालों से होटल और रेस्तरां में सेलिब्रेट होता है लेकिन यह पहला मौका है जब अधिकतर लोगों ने नए साल के स्वागत का जश्न घर पर बच्चों और बुजुर्गों के साथ मनाया। सेलिब्रेशन भले ही घर में हुआ लेकिन इसे पार्टी फील देने में कोई कमी नहीं रखी गई। थीम तय कर डेकोरेशन भी किए, घर पर बने व्यंजन ही सर्व हुए और बच्चों के साथ डांस के बीच बुजुर्गों ने अपने अनुभव और किस्से बांटे।
रात 12 बजते ही सबसे पहले नानी को कहा, हैप्पी न्यू ईयर
महावीर और पुष्पा भंडारी ने बताया कि वैसे तो न्यू ईयर का अहसास ही नहीं होता क्योंकि रात काे सभी बाहर चले जाते हैं और नए साल की सुबह लेट ही उठते हैं लेकिन इस बार पूरा परिवार साथ बैठा है। मिठाइयां, गजक और कई तरह के पकवानों के स्वाद से यह अहसास हो रहा है कि जिस खुशी को बाहर ढूंढते हैं, वह घर पर भी मिल सकती है। शीलू भंडारी ने बताया कि हमने कई गर्म सूप, राब और वेजिटेबल शाेरबे तैयार किए।
नानी चंपा देवी ने पहले की सर्दियों में बनने वाले ट्रेडिशनल पकवानों के बारे में बताया। गौरव, जीना और अरहम ने खुद के लिखे शेर और शायरियां सुनाईं। रात के 12 बजते ही बच्चों ने सबसे पहले नानी को हैप्पी न्यू ईयर कहा और बाद में सभी ने एक-दूसरे को विश किया।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Via Dainik Bhaskar https://ift.tt/1PKwoAf
0 comments:
एक टिप्पणी भेजें