नए साल की पूर्व संध्या का उल्लास पिछले सालों की तरह इस बार पूरा गायब रहा। सामूहिक आयोजन और होटल-रेस्टोरेंट आदि पर 7 बजे तक की पाबंदी ने पूरा माहौल ही अलग करके रख दिया। रंगीन शाम, म्यूजिकल नाइट्स से इस बार शहर महरूम रहा।
प्रशासन की सख्ती के चलते होटल, रेस्टोरेंट में लोगों का रुझान न के बराबर रहा।

हाल ये रहे कि सीटिंग क्षमता के मुकाबले में लोग नहीं पहुंचे। सार्वजनिक आयोजन बंद रहने से लोगों को अपने घरों पर ही नए साल की संध्या का आनंद लेना पड़ा। 8 बजे से नाइट कर्फ्यू शुरू हुआ लेकिन सड़कों से लोग सात बजे से गायब होने लगे। तेज सर्दी के कारण वैसे भी सड़कें सुनसान रहीं। नए साल की संध्या पर सड़कों पर धमाल मचाने वालों पर नकेल कसने के लिए पुलिस के जवानों ने देररात तक सड़कों पर मोर्चा संभाले रखा। ताकि किसी तरह का हुड़दंग न हो। नाइट कर्फ्यू के कारण पुलिस की विशेष सख्ती देखने को मिली।

पॉश कॉलोनियों में भी परिवारों ने घर में ही जश्न मनाया
नए साल का स्वागत करने के लिए लोगों ने घर में जश्न मनाया। आरसी व्यास, शास्त्री नगर, बसंत विहार और अन्य पॉश कॉलोनियों में कुछ परिवार एकत्रित होकर घर में जश्न मनाया। इस दौरान होटल रेस्टारेंट से होम डिलेवरी की सुविधा का फायदा उठाया। घरों में कैंडल लगाकर केक काटा और नए साल का स्वागत किया।



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On New Year's Eve, restaurants and hotels listened, celebrated in homes
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