जिले में रेलवे ट्रैक इलेक्ट्रिफाइड हो चुका है। श्रीनगर स्टेशन से गुड़ला तक 110 किमी प्रति घंटा की स्पीड से इलेक्ट्रिक रेल इंजन का स्पीड ट्रायल पहले ही हो चुका है। उम्मीद है कि अगले दो-तीन महीनों में कोटा-बूंदी के बीच इलेक्ट्रिक इंजनवाली ट्रेनें दौड़ने लगेंगी।
अब तक कोटा से गुड़ला तक ही इलेक्ट्रिक लाइन थी। ऐसे में इलेक्ट्रिक इंजन गुड़ला तक ही आता था, जहां मालगाड़ी में डीजल इंजन जुड़कर बूंदी आता था, इसमें वक्त लगता था। महीने में बूंदी-कोटा के बीच मालगाड़ियां 6 चक्कर लगाती हैं। पहले बूंदी-कोटा के बीच चलनेवाली मालगाड़ी का फिक्स समय नहीं होता था, पर अब समय पर मालगाड़ी आ जाएगी।
पहले कोटा-बूंदी के बीच इलेक्ट्रिक इंजनवाली मालगाड़ियां शुरू होंगी
गुड़ला से चंदेरिया 156 किमी लंबी लाइन इलेक्ट्रिफाइड होनी है, इसमें गुड़ला से श्रीनगर तक 40 किमी लाइन इलेक्ट्रिफाइड हो चुकी है। प्रति किमी पर 35 लाख रुपए के हिसाब से 14 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं। बाकी 116 किमी लाइन का 50 से 60 फीसदी काम पूरा हो चुका है। अब कोटा-बूंदी के बीच इलेक्ट्रिक इंजन वाली मालगाड़ियां शुरू हो जाएंगी।
अभी गुड़ला से चंदेरिया 156 किमी का पूरा रूट इलेक्ट्रिफाइड हो रहा है। ऐसे में यात्री ट्रेन फिलहाल नहीं चलेंगी, पर बूंदी-कोटा के बीच इलेक्ट्रिक मालगाड़ियां चलने लगेंगी। खास बात यह है कि डीजल इंजन को 110 किमी की स्पीड पकड़ने में चार मिनट लगते हैं, जबकि इलेक्ट्रिक इंजन एक मिनट में ही यह स्पीड पकड़ लेता है। इलेक्ट्रिक इंजन से पर्यावरण प्रदूषण कम होगा तो डीजल और समय भी बचेगा।
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