सर्दी के दिन। धूप सेंकने और पतंगबाजी के दिन। हमेशा की तरह इस बार भी लोग छतों पर चढ़ चुके हैं। आसमान पतंगों से भरने लगा है और मांझा हवा में तैरता हुआ सड़कों पर गिर रहा है। नतीजा- हादसा। रविवार को खिली धूप और छुट्‌टी का असर रहा कि जयपुर में मकर संक्रांति की पतंगबाजी का रिहर्सल-सा हो गया। खुले मौसम और तेज हवा में दिनभर खूब पतंगें उड़ीं। दो हादसे भी हो गए।

सिरसी रोड के हर्षवर्धन बजरी मंडी रोड से जा रहे थे। अचानक मांझा आ गया। मांझा इतना तेज खिंचा कि जुगलर वेंस और सांस की नली कट गई। गनीमत रही कि लोग तुरंत पास के ही हॉस्पिटल ले गए। तुरंत ऑपरेशन के बाद उन्हें बचाना संभव हुआ। डॉ. अम्बरीश गुप्ता ने बताया कि मांझा जरा भी और अंदर जाता या लाने में देरी हो जाती तो बचाना मुश्किल था।

मानसरोवर से जयपुर डेयरी में ड्यूटी पर आ रहे अतुल जैन (38) की बाइक पर गोपालपुरा पुलिया चढ़ते ही मांझा गिरा। वे संभल पाते इससे पहले ही मांझा उनके हेलमेट के ग्लास के नीचे ऐसा खिंचा कि आंखें और माथे पर चीरा लग गया। खून बह चला। बाइक से गिर पड़े। गनीमत रही कि पीछे कोई गाड़ी नहीं आ रही थी।

बेहाल होकर फुटपाथ पर बैठ गए। देखने वालों ने संभाला। स्कूटी से जा रही मां-बेटी ममता शर्मा और नंदिनी ने वहीं स्कूटी खड़ी की, ऑटोरिक्शा रुकवाकर अतुल जैन को अपने साथ जयपुरिया अस्पताल ले गईं। यहां अतुल जैन को 12 टांके लगाने पड़े। ममता शर्मा ने बताया- दो साल पहले उनके पति के गले पर भी मांझा फिर गया था, वो इस दर्द से परिचित हैं।

घर से दफ्तर जा रहे थे अतुल, मांझे ने पहुंचा दिया अस्पताल

जनवरी 2020 में वैशाली नगर में ड्यूटी पर जा रहे ट्रैफिक पुलिसकर्मी दिनेश कुमार पर मांझा फिर गया। उनकी नाक पर गहरा चीरा लगा। लोगों ने संभाला और हॉस्पिटल पहुंचाया। 8 टांके लगे थे। गत वर्ष मकर संक्रांति के दिन पतंग उड़ाते समय गिरने से या मांझे से कटने से 103 लाेग घायल हुए थे, जाे एसएमएस अस्पताल पहुंचे थे। इनमें से 28 काे गंभीर होने पर भर्ती करना पड़ा था।

2014 में मकर संक्रांति के दिन पांच साल की चंचल पिता प्रमाेद व मां के साथ बाइक पर जा रही थी। बरकत नगर के पास चंचल के गले पर मांझा खिंचा। सांस की नली कटने से उसकी माैत हाे गई थी।
बाइक के हैंडल में लोहे की ताड़ी लगा लें तो डोर आप तक पहुंच ही नहींं पाएगी, मफलर-हेलमेट जरूर पहनें

बाइक के हैंडल में लोहे की ताड़ी लगा लें तो डोर आप तक पहुंच ही नहींं पाएगी, मफलर-हेलमेट जरूर पहनें

1. बाइक, स्कूटी या दुपहिया वाहन के हैंडल पर दो फीट की लोहे की ताड़ी लगवा लें या खुद बांध ले। ये अकेला ऐसा उपाय है जो डोर को आप तक नहीं पहुंचने देगा।
2. दुपहिया चला रहे हैं तो मत भूलिए...पतंगबाजी के दिन हैं। फुल साइज हेलमेट पहनें। गले को मफलर या कपड़े से कवर कीजिए कि मांझा फंसे भी तो कोई नुकसान नहीं हो।

3. भूलकर भी बच्चों को बाइक-स्कूटी पर आगे ना बिठाएं। पीछे भी मुंह-गला ढककर ही रखें।
4. रफ्तार धीमी रखें, ताकि डोर पड़े तो आपको संभलने का मौका मिले।



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Atul was going to office from home, Manjhe reached hospital
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