"नवो बाड़मेर" अभियान बाड़मेर जिला प्रशासन द्वारा शुरू की गई एक पहल है, जिसका उद्देश्य शहर को स्वच्छ, सुंदर और व्यवस्थित बनाना था। इसे IAS टीना डाबी ने बाड़मेर की जिला कलेक्टर के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान शुरू किया था, जो सितंबर 2024 में जोर-शोर से चर्चा में आया। इस अभियान के तहत स्वच्छता, सड़कों का सौंदर्यीकरण, कचरा प्रबंधन, और शहर की बुनियादी सुविधाओं को बेहतर करने पर ध्यान दिया गया। इसमें स्थानीय भामाशाहों (दानदाताओं) का सहयोग भी लिया गया, जिन्होंने सड़कों के नवीनीकरण और अन्य कार्यों में योगदान दिया।
उदाहरण के लिए, सितंबर 2024 में भामाशाह तनसिंह चौहान के परिवार ने 2 किलोमीटर लंबी सड़क को मात्र 24 घंटे में नवीनीकृत करवाया, जिसे अभियान की मिसाल के तौर पर देखा गया। शुरुआत में इसकी काफी तारीफ हुई—शहर के चौराहों पर सजावट, सड़कों की मरम्मत, और सफाई के प्रयास दिखे। लेकिन समय के साथ इस अभियान पर कई सवाल भी उठे।
मार्च 2025 तक, नवो बाड़मेर अभियान विवादों में घिर गया। नगर परिषद की बोर्ड बैठक (17 मार्च 2025) में सांसद उम्मेदाराम बेनीवाल ने कचरा संग्रहण टेंडर में वित्तीय अनियमितताओं और सड़कों की खराब गुणवत्ता का आरोप लगाया। भाजपा पार्षदों ने दावा किया कि अभियान में जनप्रतिनिधियों को नजरअंदाज किया गया और यह कुछ उद्योगपतियों के प्रचार का जरिया बन गया। fb पर भी लोगों ने इसे दिखावे का अभियान करार दिया—कहा गया कि कचरे की समस्या जस की तस है और छोटे दुकानदारों पर अनावश्यक जुर्माना ठोका गया, जबकि जिम्मेदारी नगर परिषद की थी।
कुल मिलाकर, नवो बाड़मेर ने शुरुआत में उम्मीद जगाई, लेकिन धरातल पर कार्यान्वयन की कमी और कथित भ्रष्टाचार के आरोपों ने इसे विवादास्पद बना दिया। कुछ हिस्सों में सौंदर्यीकरण दिखा, पर व्यापक सफलता के लिए जनसहयोग और पारदर्शिता की कमी खली।

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