"आचार्य समाज की बेटियों ने समाज का मान बढ़ाया : राज्य स्तर पर सर्वश्रेष्ट प्रदर्शन  व जोधपुर प्रांत में प्रथम"

जयपुर।
          विद्या भारती राजस्थान की ओर से 14 अक्टूबर से 16 अक्टूबर तक तीन दिवसीय समरसता संगम का आयोजन जामडोली स्थित केशव विद्या पीठ में किया गया। तीन दिन तक आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रमों के अलावा घटानुसार सभाएं हुई। इसमें राजस्थान भर की सेवा बस्तियों में संचालित हो रहे संस्कार केन्द्रों की समितियों के 8000 कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया।
                      आचार्य समाज सभा भवन बाड़मेर में संचालित हो रहे केशव संस्कार केन्द्र ( नि:शुल्क शिक्षा केन्द्र ) की बालिकाओं ने सांस्कृतिक कार्यक्रम की मनमोहक प्रस्तुति द्वारा अतिथियों व दर्शकों का मन जीत लिया। समाज की बेटियों ने जोधपुर प्रांत में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन से प्रथम पुरस्कार प्राप्त कर समाज का नाम गौरवान्वित किया। बालिकाओं के इस ग्रुप में  जय श्री आचार्य, मनीषा आचार्य, अंजली, मिनाक्षी, सिमरन आचार्य, डिम्पल, पायल, श्वेता आचार्य सहित आदर्श स्कूल प्र.अ. महेश सोनी,  नि:शुल्क शिक्षा केन्द्र संचालक कपिल आचार्य व रामलाल आचार्य सहित अभिभावक सन्तोष देवी व सुगणी देवी रूचिका आचार्य आदि थे।
                        निशुल्क शिक्षा केन्द्र के संयोजक व निर्देशक महावीर आचार्य ने केन्द्र की बच्चियों द्वारा समाज व केन्द्र का नाम रोशन करने पर शुभकामनाएं देते  हुए कहा कि हमें बेटियों पर गर्व है । समाज में हुनर खुब है बस उसे आगे बढ़ाने में प्रोत्साहित करने की जरूरत है। जो कि इस प्रकार के मंचों के माध्यम से हमें सहयोग करना चाहिए ।

समरसता कार्यक्रम का उद्घाटन 14 अकटूबर सुबह 11 बजे हुआ। इस अवसर पर वाल्मीकि धाम उज्जैन के संत पूण्बालयोगी उमेशनाथ, रेवासाधाम अग्रपीठाधीश्वर राघवाचार्य एवं लालेश्वर महादेव मंदिर शिववाड़ी बीकानेर के महंत सोमगिरी महाराज का सानिध्य रहा। मुख्य वक्ता स्वयंसेवक संघ के सेवा प्रमुख सुहासराव हिरेमठ थे।  कार्यक्रम में विद्या भारती के केन्द्रीय मंत्री शिवप्रसाद, केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत, मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, मंत्री अरुण चतुर्वेदी एवं सांसद रामकुमार वर्मा उपस्थित रहे। तीन दिवसीय इस संगम में विभिन्न धार्मिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम हुए। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री राज्यवर्धनसिंह राठौड़ थे। वाल्मीकि जयंती पर होने वाले संगम का समापन 16 अक्टूबर को सुबह 11:30 बजे हुअा।

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