नई दिल्‍ली ASO NEWS : मोदी सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए गरीब और आर्थिक रूप से कमजोर सवर्णों को सरकारी नौकरियों और उच्‍च शिक्षा संस्‍थानों में 10 प्रतिशत आरक्षण देने का फैसला लिया है. सूत्रों के मुताबिक पीएम मोदी के नेतृत्‍व में कैबिनेट की बैठक में इस पर मुहर लगाई गई. इसको लोकसभा चुनावों से पहले मोदी सरकार का बड़ा तोहफा माना जा रहा है.

https://acharyasamacharonline.blogspot.com/2019/01/8-10.html?m=1
अब बड़ा सवाल उठता है कि गरीब सवर्ण के रूप में पहचान किस तरह होगी ? इस संबंध में सूत्रों के मुताबिक आठ लाख से कम वार्षिक आमदनी वाले सवर्णों को आरक्षण का लाभ मिलेगा. इसी तरह 1000 स्‍क्‍वायर फीट से छोटे मकान वालों को आरक्षण का मिलेगा.

सूत्रों के मुताबिक इस फैसले को लागू करने के लिए मोदी सरकार आरक्षण के मौजूदा कोटे को 50% से बढ़ाकर 60 फीसद तक कर सकती है.  

इसी तरह जिनके पास 5 हेक्‍टेयर से कम ज़मीन होगी उनको आरक्षण का लाभ मिलेगा. इसी तरह अधिसूचित नगरपालिका क्षेत्र के भीतर यदि 100 गज से कम का और गैर-अधिसूचित क्षेत्र में 200 गज के आवासीय प्‍लॉट वालों को आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्णों के रूप में चिन्हित किया जाएगा. इसका मतलब यह हुआ कि इस तबके के सवर्ण समुदाय को आरक्षण का लाभ मिलेगा.

बताया जा रहा है कि आरक्षण का फॉर्मूला 50%+10 % का होगा. सूत्रों का कहना है कि लोकसभा में मंगलवार को मोदी सरकार आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्णों को आरक्षण देने संबंधी बिल पेश कर सकती है. सूत्रों का यह भी कहना है कि सरकार संविधान में संशोधन के लिए बिल ला सकती है. इसके तहत आर्थिक आधार पर सभी धर्मों के सवर्णों को दिया जाएगा आरक्षण. इसके लिए संविधान के अनुच्‍छेद 15 और 16 में संशोधन होगा.

Advertisement

0 comments:

एक टिप्पणी भेजें

 
Top