प्रदेश में स्वाइन फ्लू से हुई मौतों ने अर्धशतक पूरा करते हुए छु लिया 51 का आंकड़ा

निम्बाहेड़ा के 3 स्वाइन फ्लू पॉजिटिव मरीजों का उदयपुर में चल रहा उपचार

निम्बाहेड़ा सामान्य चिकित्सालय की टीम ने अब तक किया 305 लोगों का सर्वे

निम्बाहेड़ा न्यूज ( अशरफ मेव )

राजस्थान में स्वाइन फ्लू अब बेकाबू होता दिख रहा है। प्रदेश में स्वाइन फ्लू ने मौतों का अर्धशतक पूरा करते हुए 51 का आंकड़ा छू लिया है हर रोज स्वाइन फ्लू पॉजिटिव मरीजों ओर मृतकों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है।पिछले 3 सप्ताह में ही प्रदेश भर में 1335 स्वाइन फ्लू पॉजिटव केस सामने आचुके है। स्वाइन फ्लू पर काबू पाने के लिये  प्रदेश में 23 जनवरी तक विशेष स्क्रीनिंग अभियान चलाया जा रहा है अभियान के तहत 1 लाख टीमें बनाई गई है यह टीमें स्क्रीनिंग के साथ दवाई का वितरण भी कर रही है *सबसे बड़ी चोंकाने वाली खबर यह है कि इससे हमारा निम्बाहेड़ा शहर भी अछूता नही है शहर में 3 स्वाइन फ्लू पॉजिटिव पाए गए मरीजों का उदयपुर में उपचार चल रहा है जिसमें 1 मरीज वेंटिलेटर पर है और 2 मरीजों की हालत में सुधार होने की जानकारी मिली है। नगर में स्वाइन फ्लू पॉजिटिव पाए गए एक ही परिवार के 3 लोगों की जानकारी मिलने पर निम्बाहेड़ा चिकित्सा विभाग की टीम द्वारा स्वाइन फ्लू पॉजिटिव पाए गए मरीजों के आस पास रहने वाले लगभग 16 लोगों को एहतियातन टेमी फ्लू टेबलेट वितरित कि गयी ओर साथ ही स्वाइन फ्लू की निशानदेही पर निम्बाहेड़ा सामान्य चिकित्सालय के चिकित्सा अधिकारी डॉ. के. आसिफ के निर्देशन में गठित चिकित्सा टीम द्वारा नगर में लगभग अब तक 305 लोगों की स्क्रीनिंग सर्वे किया जा चुका है जिसमे अब तक 35 मरीज बुखार के एवं 30 मरीज सर्दी जुकाम के मिले है साथ ही नगर के चिकित्सा विभाग द्वारा स्वाइन फ्लू की रोकथाम के लिए नगर के प्रमुख चौराहों पर पोस्टर लगाकर एवं टेमपलेट वितरित कर आमजन को स्वाइन फ्लू के प्रति जागरूक करने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।


यह हैं स्वाइन फ्लू के लक्षण...

 स्वाइन फ्लू से पीड़ित मरीज को सबसे पहले सामान्य जुकाम ही होता है, लेकिन इस जुकाम से संक्रमित व्यक्ति को 100 डिग्री या उससे अधिक बुखार की शिकायत भी होने लगती है।स्वाइन जैसे-जैसे मरीज के शरीर को अपनी चपेट में लेना शुरू कर देता है, वैसे-वैसे भूख कम होनी शुरू हो जाती है और नाक से पानी बहने लगता है।कुछ मरीजों को तो गले में जलन, सूजन, उबकाई, उल्टियां या डायरिया भी हो जाता है। तेज ठंड लगना, गला खराब हो जाना, मांसपेशियों में दर्द होना, तेज सिरदर्द होना, खांसी आना, कमजोरी महसूस करना आदि लक्षण स्वाइन फ्लू से पीड़ित मरीज में दिखाई पड़ते हैं।


रखें ये सावधानियां..

 (1) इस बीमारी से बचने के लिए हाइजीन का खासतौर पर ध्यान रखना चाहिए. खांसते समय और झींकते समय टीशू से कवर रखें. इसके बाद टीशू को नष्ट कर दें.

 (2) बाहर से आकर हाथों को साबुन से अच्छे से धोएं और एल्कोहल बेस्ड सेनिटाइजर का इस्तेमाल करें.

 (3) जिन लोगों में स्वाइन फ्लू के लक्षण हों तो उन्हें मास्क पहनना चाहिए और घर में ही रहना चाहिए.

 (4) स्वाइन फ्लू के लक्षण वाले मरीज से क्लोज कॉंटेक्ट से बचें. हाथ मिलाने से बचें. रेग्यूलर ब्रेक पर हाथ धोते रहें.

(5) जिन लोगों को सांस लेने में परेशानी हो रही हो और तीन-चार दिन से हाई फीवर हो, उन्हें तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए.

 (6) स्वाइन फ्लू के टेस्ट के लिए गले और नाक के द्रव्यों का टेस्ट होता है जिससे एच1एन1 वायरस की पहचान की जाती है. ऐसा कोई भी टेस्ट डॉक्टर की सलाह के बाद ही करवाएं.


क्या है स्वाइन फ्लू...

स्वाइन फ्लू सूअरों में होने वाला सांस संबंधी एक अत्यंत संक्रामक रोग है जो कई स्वाइन इंफ्लुएंजा वायरसों में से एक से फैलता है. आमतौर पर यह बीमारी सूअरों में ही होती है लेकिन कई बार सूअर के सीधे संपर्क में आने पर यह मनुष्य में भी फैल जाती है.


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