हाईकोर्ट के पुराने भवन यानी हेरिटेज बिल्डिंग में अधीनस्थ अदालतों की सोमवार से होने वाली शिफ्टिंग रोक दी गई है। फिलहाल पूर्व की तरह पुराने भवन के कोर्ट रूम में ही अदालतें लगेंगी और सुनवाई होगी। चीफ जस्टिस से शिफ्टिंग की मंजूरी मिलने के बाद यहां जिला व सेशन न्यायालय जोधपुर मेट्रो सहित 17 अधीनस्थ अदालतों को शिफ्ट करने का निर्णय किया गया था।

इसके लिए तैयारियां भी पूरी कर दी गई थीं। कोर्ट रूम नंबर आवंटित कर दिए गए थे। फर्नीचर व कुछ फाइलें भी वहां ले जाई जा चुकी हैं। 29 जून को अधीनस्थ अदालतें यहां ही लगनी थीं, लेकिन रविवार को जिला व सेशन न्यायाधीश के निर्देश के बाद यह शिफ्टिंग फिलहाल रोक दी गई है। संबंधित कोर्ट के स्टाफ को वहां सामान व फाइलें वगैरह ले जाने के लिए मना किया गया है।

ऐसे में सोमवार को पूर्ववत व्यवस्था की तरह पुराने भवन के कोर्ट रूम में ही अधीनस्थ अदालतें लगेंगी। हाईकोर्ट के पुराने भवन में शिफ्टिंग के लिए अब नए सिरे से तारीख तय की जाएगी। उल्लेखनीय है कि गत 9 दिसंबर को हाईकोर्ट की नई बिल्डिंग के उद्धाटन के बाद से ही पुराने भवन को अधीनस्थ अदालतों को देने पर विचार चल रहा था।

वकीलों ने भी चीफ जस्टिस के समक्ष मांग को रखा था। डीजे कोर्ट सहित 17 अधीनस्थ अदालतें हाईकोर्ट के पुराने भवन में शिफ्ट होने पर किराए के भवनों में चल रही अदालतें कोर्ट कैंपस में शिफ्ट हो जाएंगी। 20 से अधिक अदालतें पावटा पोलो क्षेत्र में किराए के भवनों में संचालित हो रही हैं।



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